आज शनिवार, भाद्रपद शुक्ल पञ्चमी तिथि है। आज स्वाति नक्षत्र, “आनन्द” नाम संवत् 2078 है।
( उक्त जानकारी उज्जैन के पञ्चाङ्गों के अनुसार है)
-आज ऋषि पञ्चमी व्रत है।
-आज गर्ग ऋषि, अङ्गिरा ऋषि की जयन्ती है।
-आज माहेश्वरी वैश्य समाज का रक्षाबन्धन पर्व है।
-आज (ऋषि पञ्चमी) के दिन अपामार्ग (चिरचिटा) पौधे की पत्तियां, डंठल को पानी में भिगोकर रज:स्वला होने वाली स्त्रियां स्नान व दांतून करतीं हैं।
-ऐसा करने से स्त्रियों के गर्भाशय सम्बन्धित समस्त रोगों का नाश होता है।
-आज के दिन व्रत करने वाली स्त्रियां जमीन में बोया हुआ अनाज नहीं खाती हैं। इसीलिए मोरधन का भोज्यपदार्थ बनाकर खाती हैं।
-आज के दिन जन्म लेने वाले यदुकुल के महान आचार्य महामुनि गर्ग जी ने गर्ग संहिता की रचना की है।
-गर्ग संहिता में गोपियों के पूर्व जन्मों का बहुत ही सुन्दर वर्णन है और बहुत सी नई – नई कथाएं हैं।
-गर्ग महामुनि ने गर्ग संहिता में श्रीमद्भागवत के गूढ़ तत्वों का स्पष्ट रूप में उल्लेख किया है।
-देवगुरु बृहस्पति, महर्षि उतथ्य, संवर्त के पिता अङ्गिरा ऋषि थे। वे अग्निदेव के पिता भी कहलाए।
-ब्रह्माजी के मानस पुत्र अङ्गिरा ऋषि ने अङ्गिरा स्मृति की रचना की और भृगु आदि ऋषियों को वेद की शिक्षा दी है।
विजय अड़ीचवाल