इंदौर में एनआरआई फोरम द्वारा आयोजित चौथे एनआरआई महापर्व का आगाज़ हो गया है। इस विशेष कार्यक्रम में शामिल होने के लिए दुनिया के 27 देशों से 220 से अधिक प्रवासी भारतीय (एनआरआई) इंदौर पहुंचे हैं। महापौर पुष्यमित्र भार्गव की अध्यक्षता में आयोजित इस महापर्व का मुख्य उद्देश्य इंदौरियों को उनकी सांस्कृतिक और पारिवारिक जड़ों से जोड़ना है।
कार्यक्रम में पारंपरिक खेलों का मजा
इस कार्यक्रम में केवल पारंपरिक खेल ही नहीं, बल्कि इंदौर के स्थानीय व्यंजनों का भी आनंद लिया गया। अतिथियों ने पोहा-जलेबी और अन्य देसी नाश्तों का स्वाद चखा। यह आयोजन भारतीय संस्कृति और परंपराओं की जीवंत झलक पेश कर रहा था, जिसमें सभी मेहमानों ने सक्रिय रूप से भाग लिया।
सुबह से ही उत्सव का आनंद, माहौल रहा जीवंत
एनआरआई महापर्व के अंतर्गत बुधवार सुबह यशवंत क्लब में एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया। सुबह 8 बजे से ही कार्यक्रम स्थल पर उत्सव का माहौल नजर आया। महापौर और विदेशी अतिथियों ने मिलकर गुल्ली-डंडा, कबड्डी, पतंगबाजी, लट्टू और लंगड़ी जैसे पारंपरिक भारतीय खेलों में भाग लिया, जिन्होंने सभी को अपने बचपन की यादों में लौटा दिया।
महापौर ने एनआरआई महापर्व के महत्व को रेखांकित किया
महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने आयोजन के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि इसका मुख्य उद्देश्य दुनियाभर में रहने वाले एनआरआई को इंदौर में हो रहे विकास कार्यों की जानकारी देना है। प्रशासन का प्रयास है कि प्रवासी भारतीय इन परियोजनाओं में अपनी सक्रिय भागीदारी बढ़ाएं। इसके साथ ही यह मंच यह भी प्रदर्शित करता है कि इंदौरी किस तरह विश्व स्तर पर पहचान बना रहे हैं और वे अपने शहर के लोगों की सहायता किस प्रकार कर सकते हैं।









