MP Weather: उत्तर भारत में सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ के चलते पहाड़ी इलाकों में लगातार बर्फबारी हो रही है, जिसका असर अब मध्य प्रदेश के मौसम पर भी साफ नजर आ रहा है। भले ही फिलहाल ठंडी हवाओं की तीव्रता कम है और अगले तीन दिनों तक शीतलहर का कोई अलर्ट जारी नहीं किया गया है, लेकिन गिरते तापमान ने सर्दी की चुभन बढ़ा दी है। रातें लगातार ज्यादा ठंडी होती जा रही हैं। इस समय प्रदेश का सबसे ठंडा क्षेत्र शहडोल जिले का कल्याणपुर दर्ज किया गया है, जहां न्यूनतम तापमान 5 डिग्री से नीचे बना हुआ है। बीती रात यहां पारा गिरकर 4.7 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया, जिससे पूरे प्रदेश में ठंड के बढ़ते असर का संकेत मिल रहा है।
इंदौर-भोपाल में कंपकंपाती रातें
प्रदेश के 25 शहरों में न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस से नीचे दर्ज किया गया है। प्रमुख शहरों में इंदौर का तापमान 5.9 डिग्री, भोपाल का 6.4 डिग्री, ग्वालियर का 9.8 डिग्री, उज्जैन का 9.2 डिग्री और जबलपुर का 8.5 डिग्री सेल्सियस रहा। वहीं अन्य क्षेत्रों में भी कड़ाके की ठंड का असर देखने को मिला—राजगढ़ और पचमढ़ी में न्यूनतम तापमान 5.4 डिग्री, मंदसौर में 6 डिग्री, शाजापुर में 6.4 डिग्री और रीवा में 7 डिग्री दर्ज किया गया, जबकि कई जिलों में रात का पारा 7 से 9 डिग्री के बीच बना रहा।
नवंबर में ही टूटा ठंड का रिकॉर्ड
इस सर्दी के मौसम में नवंबर में ही ठंड ने पुराने रिकॉर्ड ध्वस्त कर दिए हैं। भोपाल में लगातार 15 दिनों तक शीतलहर का असर रहा, जो वर्ष 1931 के बाद का सबसे लंबा दौर माना जा रहा है। 17 नवंबर की रात राजधानी का न्यूनतम तापमान गिरकर 5.2 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया, जो अब तक का सबसे कम स्तर है। वहीं इंदौर में भी 25 वर्षों बाद नवंबर माह में तापमान 6.4 डिग्री सेल्सियस तक दर्ज किया गया।
दो नए सिस्टम बढ़ाएंगे ठंड
मौसम विभाग के मुताबिक उत्तर भारत की दिशा में दो नए पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हो रहे हैं। इनके प्रभाव से पहाड़ी इलाकों में बारिश और बर्फबारी का सिलसिला बना रहेगा। जैसे-जैसे ये मौसमी सिस्टम आगे बढ़ेंगे, जमा हुई बर्फ पिघलेगी और उत्तर दिशा से ठंडी हवाएं मध्य प्रदेश की ओर रुख करेंगी। इसके चलते प्रदेश में एक बार फिर ठंड के तेज होने और शीतलहर लौटने की संभावना जताई गई है।
तेज रफ्तार से सक्रिय जेट स्ट्रीम
ठंड को बनाए रखने में जेट स्ट्रीम की भूमिका भी महत्वपूर्ण मानी जा रही है। इस समय उत्तर भारत के ऊपर जमीन से लगभग 12.6 किलोमीटर की ऊंचाई पर जेट स्ट्रीम करीब 176 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से सक्रिय है, जिसका असर मध्य प्रदेश तक देखा जा रहा है। इससे पहले इसकी रफ्तार 222 किलोमीटर प्रति घंटे तक दर्ज की जा चुकी है। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, जेट स्ट्रीम ऊपरी वायुमंडल में बहने वाली अत्यंत तेज हवाएं होती हैं और जब इनका मेल पहाड़ी क्षेत्रों से आने वाली बर्फीली हवाओं से होता है, तो ठंड का प्रभाव कई गुना बढ़ जाता है।









