एक तस्वीर ने बदल दी तकदीर, कानपूर से पैदल चलकर सीएम आवास पहुंची 20 वर्षीय खुशी, मुख्यमंत्री योगी भी हो गए भावुक

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By Abhishek SinghPublished On: November 27, 2025

कानपुर की 20 वर्षीय खुशी गुप्ता, लंबे समय से गरीबी और मौन संघर्षों का सामना कर रही थी, आखिर बुधवार का दिन उसके लिए नई उम्मीद लेकर आया। अपने बनाए हुए चित्रों के जरिये मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक अपनी पीड़ा पहुँचाने का उसका प्रयास आखिरकार सफल हुआ।

मुख्यमंत्री ने खुद पहल कर खुशी और उसके परिवार को अपने सरकारी आवास पर आमंत्रित किया, जहाँ उन्होंने न सिर्फ उसके भविष्य को संवारने का आश्वासन दिया, बल्कि परिवार की आर्थिक परेशानियाँ कम करने हेतु आवास और शिक्षा का दायित्व लेने की भी घोषणा की। बुधवार को कानपुर के ग्वालटोली अहरानी क्षेत्र की रहने वाली खुशी अपने पिता कल्लू गुप्ता, माता गीता गुप्ता और भाई जगत गुप्ता के साथ मुख्यमंत्री आवास पहुँची, जहाँ योगी आदित्यनाथ ने इस आर्थिक संकट से जूझते परिवार से आत्मीयता के साथ बातचीत की।

खुशी के पिता पहले संविदा आधार पर गार्ड के रूप में कार्यरत थे, लेकिन अब उनकी नौकरी समाप्त हो चुकी है। उनकी मां गीता गुप्ता घरों में काम करके किसी तरह परिवार का गुज़ारा करती हैं। खुशी प्रधानमंत्री मोदी का एक चित्र भी अपने साथ लाई थी। मुख्यमंत्री योगी ने उसे पास बुलाकर उसके बनाए सभी चित्रों को ध्यानपूर्वक देखा। मुलाकात के बाद परिवार ने कहा कि यह अनुभव उनके लिए शब्दों में व्यक्त करना संभव नहीं है।

बिना बताए निकल पड़ी घर से

खुशी की कहानी साहस और अटूट इच्छाशक्ति का उदाहरण है। 22 नवंबर को वह बिना किसी को बताए घर से अकेली निकल गई थी। उसका सिर्फ एक ही उद्देश्य था—मुख्यमंत्री को अपने हाथों से बनाया हुआ चित्र सौंपना। राजधानी पहुँचने के बाद वह रास्ता भूल गई और लोकभवन के बाहर बैठकर रोने लगी। हज़रतगंज पुलिस ने उसे सहारा दिया और उसके परिवार को इसकी जानकारी दी। खुशी औपचारिक रूप से शिक्षित नहीं है, लेकिन वह अपने पिता और मुख्यमंत्री के नाम लिखना जानती है।

खुशी के बारे में जानकारी मिलते ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तुरंत उसके परिवार को अपने सरकारी आवास पर आमंत्रित किया। उन्होंने खुशी के लिए कानपुर स्थित मूकबधिर कॉलेज में शिक्षा दिलाने का भरोसा दिया। साथ ही उसकी पढ़ाई और कौशल विकास के लिए एक मोबाइल और टैबलेट भी प्रदान किया गया। सरकार उसकी सुनने की समस्या के उपचार की व्यवस्था कर रही है और परिवार को आवास उपलब्ध कराने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है।