कैबिनेट बैठक में मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने अपनी ही सरकार को घेरा, पूछा ऐसा सवाल, हक्के-बक्के रह गए डिप्टी सीएम

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By Raj RathorePublished On: November 26, 2025
Kailash Vijayvargiya

Kailash Vijayvargiya : मध्य प्रदेश में मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक में एक अप्रत्याशित घटनाक्रम देखने को मिला। प्रदेश के वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने अपनी ही सरकार के वित्तीय प्रबंधन पर सवाल उठाकर सबको चौंका दिया। उन्होंने सीधे उपमुख्यमंत्री और वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा से पूछा कि जब केंद्र सरकार ने जीएसटी की दरें घटाई हैं, तो अन्य राज्यों की तुलना में मध्य प्रदेश का राजस्व संग्रह कम क्यों हो रहा है?

यह सवाल उस वक्त उठाया गया जब बैठक में प्रदेश के वित्तीय मैनेजमेंट मॉडल की तारीफ हो रही थी और बताया जा रहा था कि कई अन्य राज्य भी इसका अनुसरण कर रहे हैं। विजयवर्गीय के इस सीधे सवाल से मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, उपमुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा समेत वहां मौजूद अन्य मंत्री भी अवाक रह गए।

प्रजेंटेशन के बीच पूछासवाल

कैबिनेट बैठक के दौरान वित्त विभाग की ओर से राज्य की आर्थिक स्थिति पर एक प्रेजेंटेशन दिया जा रहा था। इसी दौरान कैलाश विजयवर्गीय ने हस्तक्षेप करते हुए यह मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने आम लोगों को राहत देने के लिए जीएसटी की दरों में कटौती की है। इसके बावजूद अगर मध्य प्रदेश का राजस्व संग्रह दूसरे राज्यों के मुकाबले पिछड़ रहा है तो यह चिंता का विषय है।

उन्होंने इस मामले में एक तुलनात्मक अध्ययन की मांग की, ताकि यह पता चल सके कि कौन से सेक्टर में कमी है और इसके पीछे क्या कारण हैं।

सरकार की असहज स्थिति

एक वरिष्ठ मंत्री द्वारा अपनी ही सरकार के कामकाज पर इस तरह सार्वजनिक रूप से (कैबिनेट के भीतर) सवाल उठाना एक बड़ी राजनीतिक घटना मानी जा रही है। विजयवर्गीय अपनी बेबाक बयानबाजी के लिए जाने जाते हैं, लेकिन कैबिनेट के भीतर वित्त मंत्री से इस तरह का सवाल पूछना सरकार के लिए असहज स्थिति पैदा कर गया।

क्या हैं इसके मायने?

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि विजयवर्गीय का यह कदम सिर्फ एक सवाल नहीं, बल्कि सरकार के भीतर बेहतर प्रदर्शन और जवाबदेही सुनिश्चित करने का एक दबाव भी है। यह घटना दर्शाती है कि सरकार के वरिष्ठ मंत्री भी वित्तीय मामलों को लेकर सतर्क हैं और प्रदर्शन में किसी भी तरह की कोताही बर्दाश्त करने के मूड में नहीं हैं।