एनडीए को छोड़ना पड़ा भारी, डिप्टी सीएम बनने का सपना टूटा, एक भी सीट पर Mukesh Sahani की पार्टी को नहीं मिली बढ़त

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By Raj RathorePublished On: November 14, 2025
Mukesh Sahani

Mukesh Sahani : बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों ने कई सियासी समीकरणों को ध्वस्त कर दिया है। इन चुनावों में सबसे निराशाजनक प्रदर्शन ‘सन ऑफ मल्लाह’ के नाम से मशहूर मुकेश सहनी की विकासशील इंसान पार्टी (VIP) का रहा। महागठबंधन के तहत 15 सीटों पर चुनाव लड़ने वाली VIP अपना खाता भी नहीं खोल सकी और शून्य पर सिमट गई। यह परिणाम मुकेश सहनी के लिए व्यक्तिगत रूप से एक बड़ा झटका है, जिन्हें चुनाव जीतने पर उपमुख्यमंत्री बनाने का वादा किया गया था।



चुनाव नतीजों ने न सिर्फ VIP बल्कि पूरे महागठबंधन को जोर का झटका दिया है। शुरुआती रुझानों और अंतिम परिणामों के अनुसार, महागठबंधन लगभग 50 सीटों पर सिमटता दिख रहा है। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि 2020 के विधानसभा चुनाव में 75 सीटें जीतने वाली राष्ट्रीय जनता दल (RJD) इस बार महज 31 सीटों पर सिमट गई। वहीं, कांग्रेस का प्रदर्शन भी बेहद खराब रहा और वह सिर्फ पांच सीटें ही जीत पाई।

डिप्टी CM का वादा भी नहीं आया काम

चुनाव प्रचार के दौरान महागठबंधन ने मुकेश सहनी पर बड़ा दांव लगाया था। RJD नेता और गठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार तेजस्वी यादव ने सार्वजनिक मंचों से ऐलान किया था कि अगर उनकी सरकार बनती है तो मुकेश सहनी को उपमुख्यमंत्री बनाया जाएगा। इस बड़े वादे के बावजूद सहनी अपनी पार्टी के लिए एक भी सीट सुरक्षित नहीं कर पाए। यह महागठबंधन के उस भरोसे पर भी सवाल खड़े करता है, जो उसने VIP पर जताया था।

क्यों डूबी ‘सन ऑफ मल्लाह’ की नाव?

मुकेश सहनी की राजनीति मुख्य रूप से निषाद, नोनिया, बिंद और बेलदार समुदाय के वोटों पर केंद्रित है। इन जातियों में मछुआरों और नाविकों की 20 से अधिक उप-जातियां शामिल हैं, जिन्हें सहनी अपना मुख्य समर्थन आधार मानते हैं। हालांकि, चुनाव परिणामों से यह साफ है कि इन जातियों का वोट उन्हें उम्मीद के मुताबिक नहीं मिला। 15 सीटों पर उम्मीदवार उतारने के बाद भी पार्टी का प्रदर्शन शून्य रहना यह दिखाता है कि सहनी अपने परंपरागत वोट बैंक को साधने में पूरी तरह विफल रहे।