भोपाल के जंबूरी मैदान में आयोजित सरपंच सम्मेलन के दौरान मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने अधिकारियों को कड़ा संदेश दिया। उन्होंने कहा कि यदि कोई सचिव अपनी जिम्मेदारी पूरी नहीं करता, तो उसे पद से हटा दिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि सचिव या सहायक सचिव किसी से ऊपर नहीं हैं। उन्होंने यह भी जोड़ा कि यदि सरपंचों से जुड़ी किसी समस्या या निर्णय में कोई त्रुटि है, तो उसे सुधारना सरकार की जिम्मेदारी है।
सरकार सरपंचों के साथ पूरी तरह प्रतिबद्ध
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने आगे कहा कि सरपंचों द्वारा उठाए गए सभी मुद्दों पर सरकार पूरी तरह से उनके साथ खड़ी है। उन्होंने कहा कि जब सरपंच बैठक में मौजूद हों, तो सचिव और रोजगार सहायक का भी उपस्थित रहना आवश्यक है, क्योंकि उनके बिना संवाद अधूरा रहता है। उन्होंने त्रिस्तरीय शासन प्रणाली का उल्लेख करते हुए कहा कि जैसे प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री अपनी भूमिका निभाते हैं, वैसे ही सरपंचों को भी अपार अधिकार प्राप्त हैं। उन्होंने कहा कि एक सरपंच जो कार्य कर सकता है, वह किसी बड़े पदाधिकारी के बस की बात नहीं।
सरकार करेगी हर बाधा का समाधान
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि सरकार के स्तर पर लिए गए किसी भी निर्णय के क्रियान्वयन में यदि कोई बाधा आती है, तो उसे दूर करना सरकार की जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि इतने बड़े देश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले 10-11 वर्षों में अनगिनत विषयों पर चिंतन और कार्य किया है, इसलिए देश को प्रधानमंत्री और गृह मंत्री दोनों पर पूर्ण विश्वास है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जब ‘लाल सलाम’ को अंतिम सलाम मिल रहा है, तब जो भी देश विरोधी तत्व हैं, वे अपने अंजाम तक पहुंचेंगे, इस पर पूरे देश को भरोसा है।
दिल्ली ब्लास्ट में शहीदों के लिए दो मिनट का मौन
मुख्यमंत्री ने दिल्ली ब्लास्ट में शहीद हुए लोगों को सम्मान देने के लिए दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि हमें कल की इस त्रासदी को भुलाना नहीं चाहिए। देश की प्रगति और विकास की राह में कदम लगातार आगे बढ़ रहे हैं, लेकिन ऐसे समय में दुश्मन विभिन्न तरीकों से बाधाएं डालने की कोशिश करते रहते हैं।










