तमाम जागरूकता अभियानों और पुलिस की चेतावनियों के बावजूद इंदौर शहर में ऑनलाइन ठगी के मामले रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं। साइबर अपराधियों ने इस साल अब तक करीब 45 हजार लोगों को अपना निशाना बनाया है और उनसे लगभग 90 करोड़ रुपये की ठगी की है। यह आंकड़े शहर में डिजिटल सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े करते हैं।
साइबर पुलिस के अनुसार, ठगों ने लोगों को धोखा देने के लिए कई नए और पुराने तरीकों का इस्तेमाल किया। हालांकि, सबसे बड़ा और चिंताजनक आंकड़ा निवेश के नाम पर हुई धोखाधड़ी का है, जिसने कई लोगों की जीवन भर की कमाई को एक झटके में खत्म कर दिया।
निवेश के नाम पर सबसे बड़ी धोखाधड़ी
रिपोर्ट के मुताबिक, कुल 90 करोड़ रुपये की ठगी में से सबसे बड़ा हिस्सा, यानी करीब 41 करोड़ रुपये, सिर्फ निवेश के नाम पर लूटा गया। धोखेबाज अक्सर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जैसे WhatsApp और Telegram पर आकर्षक योजनाओं का लालच देते हैं। वे लोगों को कम समय में भारी मुनाफे का वादा कर फर्जी ट्रेडिंग ऐप्स या वेबसाइटों पर निवेश करने के लिए उकसाते हैं।
शुरुआत में, पीड़ितों को छोटा-मोटा मुनाफा दिखाकर उनका भरोसा जीता जाता है। जब पीड़ित बड़ी रकम निवेश कर देता है, तो ठग उस पैसे को निकालकर गायब हो जाते हैं और पीड़ित से संपर्क तोड़ देते हैं।
ठगी के अन्य प्रचलित तरीके
निवेश घोटालों के अलावा, साइबर अपराधी अन्य कई तरीकों से भी लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं। इनमें शामिल हैं:
- नौकरी का झांसा: वर्क फ्रॉम होम या प्रतिष्ठित कंपनियों में नौकरी दिलाने के नाम पर रजिस्ट्रेशन फीस या अन्य शुल्कों की मांग करना।
- केवाईसी (KYC) अपडेट: बैंक खाते या ई-वॉलेट का KYC अपडेट करने के बहाने लिंक भेजकर व्यक्तिगत जानकारी चुराना।
- पार्सल और बिजली बिल घोटाला: आपके नाम पर विदेश से पार्सल आने या बिजली बिल बकाया होने का डर दिखाकर पैसे वसूलना।
- ओटीपी (OTP) फ्रॉड: किसी भी बहाने से फोन पर आया वन-टाइम पासवर्ड पूछकर खाते से पैसे निकाल लेना।
पुलिस की अपील और बचाव के उपाय
साइबर पुलिस लगातार लोगों से सतर्क रहने की अपील कर रही है। अधिकारियों का कहना है कि किसी भी अनजान लिंक पर क्लिक करने से बचें और अपनी व्यक्तिगत जानकारी जैसे आधार, पैन कार्ड नंबर या बैंक डिटेल्स किसी से साझा न करें।
ऑनलाइन धोखाधड़ी से बचने के लिए कुछ जरूरी सावधानियां:
- लालच से बचें: कम समय में दोगुना या तिगुना रिटर्न देने वाली किसी भी योजना पर आंख मूंदकर भरोसा न करें।
- जानकारी सत्यापित करें: किसी भी कंपनी या ऐप में निवेश करने से पहले उसकी प्रामाणिकता की जांच जरूर करें।
- ओटीपी और पासवर्ड साझा न करें: कोई भी बैंक या प्रतिष्ठित संस्था आपसे फोन पर ओटीपी, सीवीवी या पासवर्ड नहीं मांगती है।
- साइबर हेल्पलाइन पर संपर्क करें: किसी भी तरह की ऑनलाइन धोखाधड़ी होने पर तुरंत राष्ट्रीय साइबर क्राइम हेल्पलाइन नंबर 1930 पर या वेबसाइट www.cybercrime.gov.in पर शिकायत दर्ज कराएं।
इंदौर में बढ़ते ये मामले एक बड़ी चेतावनी हैं कि डिजिटल दुनिया में जितनी सुविधाएं हैं, उतने ही खतरे भी हैं। थोड़ी सी लापरवाही एक बड़े वित्तीय नुकसान का कारण बन सकती है।











