योगी सरकार का प्रशासनिक फेरबदल, एक झटके में हुए 18 संयुक्त सचिवों के तबादले

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By Abhishek SinghPublished On: November 4, 2025

उत्तर प्रदेश सरकार ने सोमवार देर रात प्रशासनिक हलकों में व्यापक फेरबदल करते हुए बड़ा कदम उठाया। शासन ने एक साथ 18 संयुक्त सचिव स्तर के अधिकारियों के तबादले कर दिए, जिससे नौकरशाही में हलचल मच गई। तबादला सूची में कई प्रमुख नाम शामिल हैं, जिनमें सबसे चर्चित नाम शकील अहमद सिद्दीकी का है। उन्हें लंबे समय से प्रतीक्षा सूची से मुक्त करते हुए उच्च शिक्षा विभाग में संयुक्त सचिव के पद पर नई जिम्मेदारी सौंपी गई है।



सूत्रों के मुताबिक, यह तबादला राज्य सरकार की प्रशासनिक दक्षता बढ़ाने और विभागीय कार्यप्रणाली को अधिक प्रभावी बनाने की दिशा में उठाया गया कदम है। प्रमुख सचिव से लेकर संयुक्त सचिव स्तर तक किए गए इन व्यापक बदलावों को शासन में नई ऊर्जा, संतुलन और कार्यकुशलता लाने की पहल के रूप में देखा जा रहा है।

शासनिक संतुलन और दक्षता बढ़ाने की पहल

मुख्य सचिव कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, यह तबादला प्रक्रिया सामान्य प्रशासनिक कवायद नहीं, बल्कि एक रणनीतिक पुनर्गठन (Strategic Reshuffle) है। इसका उद्देश्य विभागों के बीच समन्वय को सुदृढ़ करना और शासन में पारदर्शिता को और मजबूत बनाना है। सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्वयं इन तबादलों की समीक्षा की, ताकि प्रमुख विभागों में “योग्य अधिकारियों की प्रभावी तैनाती” सुनिश्चित हो सके।

लंबे इंतजार के बाद मिली नई जिम्मेदारी

शकील अहमद सिद्दीकी लंबे समय से प्रतीक्षारत स्थिति में थे। वे पूर्व में शिक्षा नीति, उच्च शिक्षा सुधार तथा प्रशिक्षण कार्यक्रमों से संबंधित कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं में सक्रिय भूमिका निभा चुके हैं। उनकी प्रशासनिक दक्षता और संतुलित कार्यशैली को ध्यान में रखते हुए उन्हें उच्च शिक्षा विभाग में नई जिम्मेदारी सौंपी गई है। शासन से प्राप्त जानकारी के अनुसार, सिद्दीकी की नियुक्ति से विभागीय नीतियों के क्रियान्वयन में गति आने की उम्मीद है, विशेष रूप से राज्य के विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में नई शिक्षा नीति (NEP 2020) के प्रभावी कार्यान्वयन को बल मिलेगा।