हाई कोर्ट अधिवक्ता अभिजीता राठौर की ब्रेन डेथ के उपरांत उनके परिवार ने उनका अंगदान कर दिया है, जिसमें उनका लिवर, दोनों किडनियाँ, आँखें और त्वचा शामिल हैं। उनके इस दान ने इंदौरवासियों को गहराई से प्रभावित किया है। सोमवार शाम रेडिसन चौराहा स्थित दिव्य शक्ति पीठ में आयोजित श्रद्धांजलि सभा में हजारों लोग अभिजीता को श्रद्धांजलि देने पहुँचे। सभा का समय शाम 4 से 5 बजे निर्धारित था, लेकिन लोगों का आगमन इससे काफी पहले शुरू हो गया और देर शाम तक श्रद्धांजलि देने का क्रम जारी रहा।
विशेष रूप से उल्लेखनीय बात यह रही कि शोक सभा स्थल के बाहर मुस्कान ग्रुप पारमार्थिक ट्रस्ट और इंदौर सोसायटी फॉर ऑर्गन डोनेशन की ओर से अंगदान संकल्प पत्र भरने के लिए विशेष काउंटर स्थापित किए गए थे। इस अवसर पर 300 से अधिक लोगों ने वहीं पर संकल्प पत्र भरे, जबकि कई अन्य ने स्थल पर लगाए गए क्यूआर कोड के माध्यम से ऑनलाइन पंजीकरण किया। इनमें बड़ी संख्या में महिलाएँ भी शामिल थीं, जिन्होंने अभिजीता राठौर के परिवार से प्रेरणा लेकर यह नेक पहल की।
हजारों लोगों ने नम आँखों से किया अंतिम प्रणाम
शोकसभा में बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधि, समाजसेवी, हाई कोर्ट, जिला कोर्ट एवं अन्य न्यायालयों के अधिवक्ता, विभिन्न विभागों के अधिकारी, सामाजिक संगठनों के पदाधिकारी, विभिन्न समाजों के प्रतिनिधि, वरिष्ठजन तथा रियल एस्टेट सहित अनेक क्षेत्रों से जुड़े लोग उपस्थित रहे। श्रद्धांजलि के लिए अभिजीता के चित्र पर पुष्प अर्पित करने हेतु लोगों की लंबी कतारें लगी रहीं। इस अवसर पर सभी ने जहां अभिजीता के निधन पर गहरी संवेदना व्यक्त की, वहीं उनके परिवार द्वारा किए गए अंगदान के अद्भुत साहस और मानवता भरे निर्णय की सराहना की।
300 लोगों ने भरे अंगदान संकल्प पत्र
मौके पर मुस्कान ग्रुप के सेवादार संदीपन आर्य ने भावनात्मक रूप से साझा किया कि अभिजीता राठौर के लिवर और दोनों किडनियाँ दान किए जाने से तीन लोगों को नया जीवन मिला है। उन्होंने यह भी बताया कि अभिजीता की आंखें और त्वचा दान करने से कई अन्य लोगों को दृष्टि और जीवन की नई आशा मिलेगी। उनकी यह बात सुनकर सभा में उपस्थित लोग गहराई से भावुक हो उठे।
आर्य ने उपस्थित लोगों से आग्रह किया कि वे भी आगे बढ़कर अंगदान का संकल्प लें, क्योंकि किसी व्यक्ति की ब्रेन डेथ की स्थिति में उसका अंगदान कई जिंदगियों को नया जीवन दे सकता है। उन्होंने देहदान के महत्व पर भी प्रकाश डाला। इसी उद्देश्य से शोकसभा स्थल के बाहर संकल्प पत्र भरने हेतु एक विशेष काउंटर की व्यवस्था की गई थी।
शोकसभा से बाहर निकलने के बाद अनेक लोगों ने अंगदान संकल्प प्रक्रिया की जानकारी ली। इस दौरान, बड़ी संख्या में उपस्थित नागरिकों, जिनमें महिलाएँ भी शामिल थीं, ने वहीं पर संकल्प पत्र भरे। आयोजन स्थल पर क्यूआर कोड की सुविधा भी उपलब्ध कराई गई थी, जिसके माध्यम से कई लोगों ने ऑनलाइन पंजीकरण किया। कुल मिलाकर लगभग 300 लोगों ने अंगदान का संकल्प लिया।










