मध्य प्रदेश को उसके स्थापना दिवस पर एक बड़ी सौगात मिली है। राज्य सरकार ने ओंकारेश्वर में नए अभयारण्य (Omkareshwar Sanctuary) के गठन को मंजूरी दे दी है, जो प्रदेश का 27वां वन्यजीव अभयारण्य होगा। इस घोषणा के साथ ही खंडवा और देवास जिलों का भौगोलिक नक्शा भी बदल गया है।
यह नया अभयारण्य कुल 611 वर्ग किलोमीटर के विशाल क्षेत्र में फैला है। इसमें नर्मदा नदी के बैकवाटर में बने 52 टापुओं को भी शामिल किया गया है, जो इसे प्रदेश के अन्य अभयारण्यों से अलग पहचान देता है। यह महत्वपूर्ण घोषणा 1 नवंबर को मध्य प्रदेश स्थापना दिवस के अवसर पर की गई।
दो जिलों की सीमाओं में बदलाव
ओंकारेश्वर अभयारण्य के निर्माण के लिए खंडवा और देवास जिलों के वन और राजस्व क्षेत्रों को इसमें शामिल किया गया है। इस पुनर्गठन के कारण दोनों जिलों की प्रशासनिक सीमाओं में परिवर्तन हुआ है। सरकार का लक्ष्य इस संरक्षित क्षेत्र के माध्यम से वन्यजीवों के लिए एक सुरक्षित गलियारा बनाना और प्राकृतिक आवास को बचाना है।
संरक्षण और पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस फैसले पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह अभयारण्य राज्य में वन्यजीव संरक्षण और पर्यटन को बढ़ावा देने में मील का पत्थर साबित होगा। मुख्यमंत्री ने आशा जताई है कि ओंकारेश्वर अभयारण्य वन्य-जीव संरक्षण और पर्यटन को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
विशेषज्ञों के अनुसार, 52 द्वीपों का समावेश (inclusion) इसे इको-टूरिज्म के एक प्रमुख केंद्र के रूप में विकसित करने की अपार संभावनाएं पैदा करता है। इससे न केवल बाघ, तेंदुए और अन्य वन्यजीवों का संरक्षण होगा, बल्कि स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।











