इंदौर की जर्जर सड़कें और उन पर घटित हो रहे लगातार हादसे शहरवासियों के लिए बड़ी परेशानी का कारण बन गए हैं। महापौर ने दीपावली से पहले सड़कों को गड्ढामुक्त करने का आश्वासन दिया था, लेकिन त्यौहार बीत जाने के बाद भी अधिकांश मुख्य मार्गों की स्थिति जस की तस बनी हुई है। विजय नगर, इंदौर-देवास बायपास, खंडवा रोड, एमआर-10 और सुपर कॉरिडोर जैसी प्रमुख सड़कों पर हालात सबसे खराब हैं, जहां आए दिन दुर्घटनाएं घट रही हैं।
महापौर ने किया था वादा, कांग्रेस ने घेरा
इंदौर शहर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष और नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष चिंटू चौकसे ने महापौर पुष्यमित्र भार्गव पर अपने वादे से पीछे हटने का आरोप लगाया है। चौकसे ने कहा कि महापौर की घोषणा एक बार फिर “झूठी साबित” हुई है। उन्होंने बताया कि निगम परिषद की पिछली बैठक में कांग्रेस पार्षद दल ने इस मुद्दे को प्रमुख रूप से उठाया था, जिसके जवाब में महापौर ने दीपावली तक सभी सड़कों का पेंचवर्क पूरा करने का आश्वासन दिया था।
कलेक्टर के सख्त निर्देशों के बाद भी नहीं बदले हालात
शहर की जर्जर सड़कों की स्थिति को सुधारने के लिए कलेक्टर शिवम वर्मा अब तक कई बैठकें कर चुके हैं। पिछले सप्ताह उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए थे कि एक सप्ताह के भीतर सभी प्रमुख ब्लैक स्पॉट (दुर्घटना संभावित क्षेत्र) का सुधार कार्य पूरा किया जाए। कलेक्टर ने यह भी स्पष्ट चेतावनी दी थी कि यदि हादसों में कमी नहीं आई, तो जिम्मेदार अधिकारियों पर तुरंत कार्रवाई की जाएगी। बावजूद इसके, जमीनी स्तर पर न तो ब्लैक स्पॉट में कोई ठोस सुधार हुआ है और न ही दुर्घटनाओं का सिलसिला थमा है।
सड़क सुधार पर उठे सवाल
नेता प्रतिपक्ष ने कहा है कि महापौर को यह स्पष्ट करना चाहिए कि शहर की सड़कें अब तक गड्ढामुक्त क्यों नहीं हो सकीं। उनका कहना है कि खराब सड़कों के कारण वाहन चालकों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है और आए दिन दुर्घटनाएं हो रही हैं। चौकसे ने निगम पर आरोप लगाया कि प्रशासन सड़कों की वास्तविक मरम्मत में रुचि नहीं ले रहा, बल्कि गड्ढे भरने के नाम पर जनता को गुमराह कर रहा है।









