मध्यप्रदेश में अक्टूबर के दूसरे सप्ताह में ही मौसम ने अप्रत्याशित रूप से रुख बदल लिया है। आमतौर पर इस समय तक बारिश पूरी तरह थम जाती है, लेकिन इस बार आसमान ने फिर से बरसने का मन बना लिया है। मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों में 15 जिलों में तेज बारिश की संभावना जताई है। दिन में गर्मी से राहत और रात में ठंडक का मिश्रित असर देखने को मिल रहा है। राजगढ़ इस समय पूरे प्रदेश का सबसे ठंडा जिला बन गया है यहां तापमान 16 डिग्री सेल्सियस से नीचे चला गया है, जो अक्टूबर के शुरुआती दिनों के लिए असामान्य माना जा रहा है। वहीं राजधानी भोपाल में भी पारा 18 डिग्री के करीब दर्ज हुआ है, जिससे सुबह-शाम हल्की ठिठुरन महसूस होने लगी है।
चार दिन रहेगा शुष्क मौसम, फिर हो सकती है हल्की बरसात
मौसम विभाग की ताज़ा भविष्यवाणी के मुताबिक, आने वाले चार दिनों तक प्रदेश में किसी भी हिस्से में भारी बारिश की संभावना नहीं है। 11 से 13 अक्टूबर तक आसमान साफ और धूप खिली रहने की संभावना जताई गई है। गुरुवार को भोपाल, इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर और जबलपुर में साफ नीला आसमान और ठंडी हवाओं ने लोगों को राहत दी। हालांकि, 14 अक्टूबर से मौसम में दोबारा बदलाव देखने को मिल सकता है। वैज्ञानिक डॉ. दिव्या ई. सुरेंद्रन का कहना है कि उस दिन कुछ क्षेत्रों में हल्की बारिश दर्ज हो सकती है, लेकिन यह बारिश सीमित अवधि और क्षेत्रीय होगी। यह मौसमी उतार-चढ़ाव उत्तरी हवाओं के सक्रिय होने का संकेत है, जो सामान्यतः अक्टूबर के तीसरे या चौथे सप्ताह में देखने को मिलती हैं।
12 जिलों से लौट चुका मानसून, अब धीरे-धीरे पूरे प्रदेश से विदाई की तैयारी
मध्यप्रदेश के कई हिस्सों से मॉनसून की विदाई की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। मौसम विभाग के अनुसार, अब तक ग्वालियर, श्योपुर, मुरैना, भिंड, दतिया, शिवपुरी, गुना, आगर-मालवा, नीमच, मंदसौर और रतलाम जैसे 12 जिलों से मानसून पूरी तरह लौट चुका है। अब शेष जिलों विशेष रूप से मालवा, महाकौशल और नर्मदापुरम संभाग से भी अगले दो दिनों में बादल विदा लेने लगेंगे। विशेषज्ञों का कहना है कि 10 से 11 अक्टूबर के बीच कई और इलाकों से मानसून की वापसी का औपचारिक ऐलान हो सकता है।
दिन के तापमान में भी गिरावट, अक्टूबर में जल्दी दस्तक दे रही ठंड
इस बार अक्टूबर ने सामान्य से पहले ही ठंड का अहसास करा दिया है। प्रदेश के कई शहरों में अब दिन का अधिकतम तापमान 30 डिग्री सेल्सियस से नीचे पहुंच गया है।
गुरुवार को पचमढ़ी में 25.4 डिग्री, बैतूल में 27.7 डिग्री, और दतिया में 29.7 डिग्री तापमान दर्ज किया गया। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि यह आंकड़े संकेत हैं कि ठंड ने अपने कदम बढ़ा दिए हैं। सुबह और शाम की ठंडी हवाओं ने लोगों को हल्के ऊनी कपड़े निकालने पर मजबूर कर दिया है।
मॉनसून सीजन का रिपोर्ट कार्ड: गुना में सबसे ज्यादा बारिश, इंदौर ने पूरा किया कोटा
अगर पूरे मॉनसून सीजन की बात करें तो इस बार गुना जिला सबसे आगे रहा यहां 65.6 इंच बारिश दर्ज की गई। इसके बाद मंडला और रायसेन ने भी 62 इंच से अधिक पानी प्राप्त किया। वहीं शुरुआत में बारिश से जूझते इंदौर संभाग ने सितंबर के दौरान खूब पानी झेला और अब उसने अपना सामान्य कोटा पूरा कर लिया है। इसके उलट, उज्जैन जिले में अब भी बारिश की कमी बनी हुई है, जिससे वहां का ग्राउंडवॉटर लेवल थोड़ा प्रभावित हुआ है। ग्वालियर-चंबल और सागर संभाग के जिलों जैसे भिंड, मुरैना, दतिया, शिवपुरी, गुना, अशोकनगर और श्योपुर में इस साल मानसून ने शानदार प्रदर्शन किया और औसत से ज्यादा वर्षा दर्ज की गई।
अब आगे क्या?
विशेषज्ञों का कहना है कि अक्टूबर के दूसरे सप्ताह के बाद से हवा का रुख पूरी तरह बदलने लगेगा। उत्तरी ठंडी हवाएं अब धीरे-धीरे हावी होंगी, जिससे दिन में धूप भले ही तेज़ लगे, पर शाम ढलते ही ठंडक बढ़ेगी। आने वाले दिनों में न्यूनतम तापमान में 2 से 3 डिग्री की और गिरावट की उम्मीद है।