सिंहस्थ-2028 की तैयारियों को लेकर उज्जैन प्रशासन ने अब इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट को प्राथमिकता दे दी है। इस महाकुंभ जैसे आयोजन में अनुमान है कि करीब 30 करोड़ श्रद्धालु देश-विदेश से उज्जैन पहुंचेंगे। ऐसे में श्रद्धालुओं की आवाजाही, ट्रैफिक प्रबंधन और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सड़कों के चौड़ीकरण और नए मार्गों के निर्माण का काम तेजी से शुरू किया जा रहा है। नगर निगम जहां पहले से लगभग डेढ़ दर्जन प्रमुख सड़कों का चौड़ीकरण कर रहा है, वहीं अब उज्जैन विकास प्राधिकरण (यूडीए) भी मैदान में उतरने की तैयारी में है। इसके लिए एजेंसियों का चयन प्रक्रिया प्रारंभ हो चुकी है और कई परियोजनाओं को बोर्ड की मंजूरी भी मिल चुकी है।
सिंहस्थ के लिए यातायात व्यवस्था सबसे बड़ी चुनौती
सिंहस्थ मेला हर बार उज्जैन के लिए बड़ी प्रशासनिक चुनौती लेकर आता है, लेकिन इस बार श्रद्धालुओं की अनुमानित संख्या अब तक की तुलना में सबसे अधिक है। भीड़ को नियंत्रित करने और मार्गों को सुचारू बनाए रखने के लिए नए मार्गों का निर्माण और मौजूदा सड़कों का चौड़ीकरण किया जा रहा है।
नगर निगम ने इस दिशा में करीब 18 मार्गों को चुना है, जिनमें से चार पर काम पहले ही शुरू हो चुका है। वहीं यूडीए ने भी 14 प्रमुख सड़कों के चौड़ीकरण और नवीन मार्ग निर्माण की योजना तैयार की है। इन सड़कों पर काम के लिए 11 परियोजनाओं को बोर्ड मीटिंग में टेंडर मंजूरी मिल चुकी है। माना जा रहा है कि अगले एक-दो महीनों में कुछ मार्गों पर निर्माण कार्य की शुरुआत हो जाएगी।
यूडीए की प्राथमिकता — सिंहस्थ क्षेत्र से जुड़े मार्ग
यूडीए जिन सड़कों का चौड़ीकरण करने जा रहा है, उनमें से अधिकांश सिंहस्थ मेला क्षेत्र और उसके आसपास के हिस्सों में स्थित हैं। इन इलाकों में आबादी अपेक्षाकृत कम है, जिससे निर्माण कार्य की गति तेज बनाए रखना आसान रहेगा। वहीं नगर निगम जिन मार्गों पर काम कर रहा है, वे मुख्यतः शहरी क्षेत्र और घनी आबादी वाले इलाके हैं, जहां घर-दुकानों का अतिक्रमण हटाना और लोगों का पुनर्वास करना चुनौतीपूर्ण है। फिर भी प्रशासन का फोकस इस बात पर है कि मार्ग चौड़ीकरण के दौरान यातायात और स्थानीय लोगों की सुविधा प्रभावित न हो। अधिकारियों का कहना है कि सड़कें बनने के बाद न केवल भीड़ प्रबंधन में सहूलियत होगी, बल्कि शहर के प्रवेश द्वारों से लेकर महाकाल क्षेत्र तक आवागमन निर्बाध रहेगा।
यूडीए की प्रमुख सड़क परियोजनाएं और लागत
उज्जैन विकास प्राधिकरण ने सिंहस्थ की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए कई उच्च लागत वाली सड़क परियोजनाओं को स्वीकृति दी है। इन मार्गों के निर्माण से शहर की कनेक्टिविटी और ट्रैफिक मैनेजमेंट में बड़ा सुधार होगा। कुछ प्रमुख परियोजनाएं इस प्रकार हैं —
• शंकराचार्य चौराहा से दत्त अखाड़ा, उजडख़ेड़ा हनुमान से उज्जैन-बड़नगर मार्ग तक नई सड़क — लागत ₹87 करोड़
• खाकचौक वीर सावरकर चौराहा से रणजीत हनुमान तक नया मार्ग — ₹25 करोड़
• कार्तिक मेला ग्राउंड से नईखेड़ी मार्ग (24 मीटर चौड़ाई) — ₹25.61 करोड़
• कर्कराज मंदिर पार्किंग से भूखी माता फोरलेन, लालपुल से एमआर-22 तक (24 मीटर चौड़ाई) — ₹17.91 करोड़
• भैरवगढ़ जेल चौराहा से पीपलीनाका मार्ग चौड़ीकरण — ₹87.90 करोड़
• जूना सोमवारिया से पीपलीनाका अंकपात चौराहा तक — ₹21.20 करोड़
• पीपलीनाका से गढ़कालिका मंदिर ओखलेश्वर श्मशान तक मार्ग चौड़ीकरण — ₹82.86 करोड़
• भृतहरि गुफा से ऋणमुक्तेश्वर मंदिर तक (12 मीटर चौड़ाई) — ₹9.66 करोड़
• शिप्रा नदी के पश्चिमी भाग में प्रस्तावित एमआर-22 (30 मीटर चौड़ाई) — ₹162.22 करोड़
• महाराजवाड़ा चौराहा से हरसिद्धि मंदिर चौराहा तक मार्ग चौड़ीकरण — ₹24.46 करोड़
• प्रशांतिधाम चौराहा से शनि मंदिर तक मार्ग चौड़ीकरण (12 मीटर) — ₹9.39 करोड़
• शनि मंदिर से जीवनखेड़ी मार्ग चौड़ीकरण — ₹63.78 करोड़
• गढ़कालिका मंदिर से पीर मत्स्येंद्रनाथ समाधि तक मार्ग चौड़ीकरण — ₹2.32 करोड़
• महाकाल पार्किंग से चौबीस खंभा मार्ग चौड़ीकरण — ₹15.55 करोड़
इन सभी परियोजनाओं की कुल लागत लगभग 700 करोड़ रुपए से अधिक आंकी जा रही है। इनमें से अधिकांश परियोजनाओं को सक्षम स्वीकृति मिल चुकी है, जबकि कुछ प्रस्ताव अंतिम मंजूरी की प्रतीक्षा में हैं।
बुनियादी ढांचे को सशक्त करने का लक्ष्य
उज्जैन विकास प्राधिकरण के सीईओ संदीप सोनी के अनुसार, सिंहस्थ-2028 को ध्यान में रखते हुए न केवल सड़कों का चौड़ीकरण बल्कि नए मार्ग, पार्किंग, पुल और वैकल्पिक रूट की भी योजना बनाई जा रही है। उनका कहना है ‘’सिंहस्थ अंतर्गत कुछ नवीन मार्गों के निर्माण और चौड़ीकरण की योजना है। बोर्ड बैठक में 11 मार्गों को लेकर टेंडर स्वीकृत किए जा चुके हैं। आने वाले महीनों में काम की गति और तेज होगी।” यूडीए के अधिकारी मानते हैं कि ये प्रोजेक्ट सिंहस्थ से पहले शहर की ट्रैफिक व्यवस्था को नया रूप देंगे। इससे न केवल श्रद्धालुओं को सुविधा मिलेगी, बल्कि स्थानीय नागरिकों को भी बेहतर सड़क नेटवर्क का लाभ मिलेगा।