एमपी को केंद्र सरकार का बड़ा तोहफा, दो बड़ी रेल परियोजनाओं को मिली हरी झंडी, इन 8 जिलों में बढ़ेगी कनेक्टिविटी

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By Pinal PatidarPublished On: October 8, 2025

दिल्ली में मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (CCEA) की अहम बैठक हुई। इस बैठक में देश के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के उद्देश्य से रेलवे से जुड़ी चार बड़ी मल्टी-ट्रैकिंग परियोजनाओं को मंजूरी दी गई। इन चारों प्रोजेक्ट्स पर कुल 24,634 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। केंद्र सरकार का मानना है कि इन योजनाओं से देशभर में रेल कनेक्टिविटी में सुधार होगा, यातायात सुचारु रहेगा और पर्यावरणीय दृष्टि से भी बड़ा लाभ मिलेगा। खास बात यह है कि इन मंजूर परियोजनाओं में मध्यप्रदेश को भी एक बड़ी सौगात मिली है, जिससे राज्य में रेलवे नेटवर्क और मजबूत होगा और यात्रियों को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी।

वडोदरा–रतलाम रेल लाइन परियोजना को मिली मंजूरी


बैठक के बाद रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने जानकारी देते हुए बताया कि केंद्र सरकार ने वडोदरा–रतलाम तीसरी और चौथी रेल लाइन परियोजना को मंजूरी दे दी है। यह रेललाइन लगभग 259 किलोमीटर लंबी होगी और इसकी अनुमानित लागत 8,885 करोड़ रुपये है। यह रेलमार्ग गुजरात और मध्यप्रदेश दोनों राज्यों से होकर गुजरेगा। इस परियोजना के पूरा होने से गुजरात के वडोदरा, पंचमहल और दाहोद जिलों के साथ-साथ मध्यप्रदेश के झाबुआ और रतलाम जिलों को सीधा लाभ मिलेगा। इस नई रेललाइन से न केवल मालगाड़ियों का संचालन अधिक कुशलता से हो सकेगा बल्कि यात्री गाड़ियों की स्पीड और संख्या में भी बढ़ोतरी होगी। रेलवे इस प्रोजेक्ट के तहत 95 रोड अंडर ब्रिज (RUBs)/ओवर ब्रिज (ROBs) बनाएगा ताकि रेलवे फाटकों पर जाम और हादसों की स्थिति को रोका जा सके। इसके अलावा, इसमें 2 रेल ओवर ब्रिज और 4 सुरंगें (टनल) भी बनाई जाएंगी। परियोजना पूरी होने के बाद इस मार्ग पर ट्रेनों की क्षमता लगभग दो गुना बढ़ जाएगी, जिससे औद्योगिक परिवहन को भी मजबूती मिलेगी।

इटारसी–भोपाल–बीना रेललाइन का विस्तार

रेल मंत्री वैष्णव ने बताया कि सरकार ने एक और अहम परियोजना को मंजूरी दी है। इटारसी–भोपाल–बीना तीसरी और चौथी रेललाइन परियोजना। यह सेक्शन देश के सबसे व्यस्त और रणनीतिक रेल मार्गों में से एक है। यह रेललाइन 237 किलोमीटर लंबी होगी और इसकी अनुमानित लागत 4,329 करोड़ रुपये है। इस प्रोजेक्ट से ना सिर्फ यात्रियों को फायदा होगा, बल्कि पर्यावरण को भी बड़ा लाभ पहुंचेगा। रेल मंत्रालय के अनुसार, इस रेललाइन के बनने से 32 करोड़ किलोग्राम कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन में कमी आएगी, जो लगभग 1.3 करोड़ पेड़ लगाने के बराबर है। इससे साफ है कि यह परियोजना ग्रीन रेलवे की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस नए ट्रैक के जरिए दिल्ली, चेन्नई, बेंगलुरु और हैदराबाद जाने वाली ट्रेनों की रफ्तार और समयबद्धता में सुधार आएगा। साथ ही, सांची और भीमबेटका जैसे यूनेस्को विश्व धरोहर स्थलों तक पहुंचना यात्रियों के लिए और आसान हो जाएगा। इस प्रोजेक्ट में रेलवे 82 रोड अंडर ब्रिज/ओवर ब्रिज और 9 टनल भी बनाएगा।

मध्यप्रदेश के इन जिलों को होगा सीधा लाभ

इन दोनों रेल परियोजनाओं से मध्यप्रदेश के भोपाल, रायसेन, सागर, सीहोर, नर्मदापुरम, विदिशा, रतलाम और झाबुआ जैसे प्रमुख जिलों को प्रत्यक्ष लाभ मिलेगा। इससे न केवल पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि स्थानीय उद्योग, व्यापार और कृषि क्षेत्र को भी बड़ा सहारा मिलेगा। ट्रेनों की आवृत्ति बढ़ने से माल परिवहन में तेजी आएगी, जिससे रोजगार और आर्थिक गतिविधियों में वृद्धि होगी।

रेलवे विकास का नया अध्याय

केंद्र सरकार की यह मंजूरी भारत में रेलवे के मॉडर्नाइजेशन मिशन को गति देने वाली मानी जा रही है। इन परियोजनाओं से रेल नेटवर्क पर भीड़ कम होगी, ट्रेनों की समयपालन क्षमता बेहतर होगी और माल ढुलाई की लागत घटेगी। विशेषज्ञों के अनुसार, यह योजनाएं आने वाले वर्षों में देश की अर्थव्यवस्था को नई दिशा देने वाली साबित होंगी।