कलेक्टर-कमिश्नर कॉन्फ्रेंस में सीएम मोहन यादव ने दिए सख्त निर्देश, जनता से जुड़ें अफसर, योजनाओं की डिलीवरी और सुशासन पर रहे फोकस

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By Pinal PatidarPublished On: October 7, 2025

राजधानी भोपाल के कुशाभाऊ ठाकरे इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर में मंगलवार को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने राज्य की पहली फिजिकल कलेक्टर-कमिश्नर कॉन्फ्रेंस 2025 का शुभारंभ किया। इस दो दिवसीय कॉन्फ्रेंस का उद्देश्य है – “विजन टू एक्शन” यानी योजनाओं को कागज़ों से निकालकर जमीनी स्तर तक पहुंचाना। मुख्यमंत्री ने प्रदेश के सभी लोक सेवकों से अपील की कि वे पूरे समर्पण और निष्ठा के साथ जनता के समग्र विकास के लिए काम करें। उन्होंने कहा, “जनता ने हम पर विश्वास जताया है, अब यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम उस भरोसे पर खरे उतरें।”

अफसरों को मुख्यमंत्री का स्पष्ट संदेश – जनप्रतिनिधियों का सम्मान करें, जनता के साथ संवाद बढ़ाएं


मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कॉन्फ्रेंस के उद्घाटन सत्र में सभी जिलों के कलेक्टरों, कमिश्नरों, एसपी और वरिष्ठ अधिकारियों से सीधा संवाद किया। उन्होंने स्पष्ट कहा कि अधिकारी ‘ड्राइविंग सीट’ पर आने की कोशिश न करें, बल्कि जनप्रतिनिधियों के सहयोगी बनकर जनता तक योजनाओं का लाभ पहुंचाएं। उन्होंने कहा कि सफलता तभी संभव है जब प्रशासनिक टीम और जनप्रतिनिधि मिलकर काम करें। मुख्यमंत्री ने अफसरों से आग्रह किया कि वे अपने जिलों में ऐसे सिस्टम बनाएं, जिससे नागरिकों को योजनाओं की जानकारी और लाभ दोनों आसानी से मिल सकें।

सुशासन और जनविश्वास – सरकार का मुख्य लक्ष्य

डॉ. यादव ने कहा कि सुशासन की असली पहचान है जनता का विश्वास। उन्होंने जोर देकर कहा कि शासन का उद्देश्य सिर्फ योजनाएं चलाना नहीं, बल्कि उन योजनाओं के माध्यम से समाज के हर वर्ग तक विकास की रोशनी पहुंचाना है। मुख्यमंत्री ने अफसरों से कहा, “जनता के बीच जाएं, उनकी समस्याएं सुनें और तत्काल समाधान करें। जनता के विश्वास को बनाए रखना ही शासन की सबसे बड़ी पूंजी है।” उन्होंने प्रशासनिक तंत्र को पारदर्शी, जवाबदेह और संवेदनशील बनाने की दिशा में काम करने के निर्देश दिए।

अभियान नहीं, सीखने और नवाचार का मंच बनी कॉन्फ्रेंस

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को प्रेरित करते हुए कहा कि समाज की सेवा एक अवसर है, जो केवल सौभाग्यशाली लोगों को मिलता है। उन्होंने अफसरों से कहा कि वे खुद को हमेशा एक विद्यार्थी समझें और हर दिन कुछ नया सीखें। “हर दिन सीखने की प्रवृत्ति ही एक अधिकारी को बेहतर बनाती है,” उन्होंने कहा। मुख्यमंत्री ने नवाचारों को प्रशासन का अहम हिस्सा बताते हुए अफसरों से आग्रह किया कि वे अपने अनुभव और रचनात्मकता से जनता के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाएं।

विजन 2047 – भविष्य के विकास की रूपरेखा पर चर्चा

दो दिवसीय कॉन्फ्रेंस में “विजन 2047” को केंद्र में रखा गया है। इसका उद्देश्य राज्य के दीर्घकालिक विकास लक्ष्यों को तय करना और जिलेवार चुनौतियों की पहचान करना है। इस कॉन्फ्रेंस में प्रदेश के सभी 55 जिलों के कलेक्टर, एसपी, आईजी, कमिश्नर और करीब 250 से अधिक वरिष्ठ अधिकारी मौजूद हैं। प्रत्येक जिले की परफॉर्मेंस रिपोर्ट प्रस्तुत की जा रही है, जिसमें फ्लैगशिप योजनाओं में अच्छा और कमजोर प्रदर्शन करने वाले जिलों की तुलना की जा रही है।

टॉप परफॉर्मिंग जिलों को प्रोत्साहन, कमजोर जिलों पर कार्रवाई संभव

सरकार इस कॉन्फ्रेंस के बाद एक रिपोर्ट तैयार करेगी जिसमें योजनाओं के क्रियान्वयन की समीक्षा होगी। अच्छे प्रदर्शन वाले जिलों की प्रशंसा और सम्मान किया जाएगा, वहीं लापरवाह अधिकारियों पर कार्रवाई की संभावना भी जताई गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अब हर अधिकारी का मूल्यांकन “रिपोर्टों” से नहीं, बल्कि “जमीनी परिणामों” से होगा। अक्टूबर से दिसंबर के बीच सभी कलेक्टरों के कार्य की समीक्षा दोबारा की जाएगी।

हर कलेक्टर को मिलेगा अपने नवाचार साझा करने का मौका

कॉन्फ्रेंस के दौरान राज्य के चुनिंदा कलेक्टरों को अपने जिले में किए गए नवाचारों और प्रयोगों को साझा करने का अवसर दिया गया है। प्रत्येक कलेक्टर को अधिकतम तीन मिनट का समय मिलेगा, जबकि अंत में आधे घंटे का ओपन डिस्कशन रखा गया है। इस चर्चा में अधिकारी अपने अनुभव साझा करेंगे और फील्ड लेवल की समस्याओं के समाधान पर विचार रखेंगे।

पहले दिन की बैठक में योजनाओं और सुधारों पर विस्तृत चर्चा

कॉन्फ्रेंस के पहले दिन कृषि, स्वास्थ्य, पोषण, उद्योग, निवेश, शहरीकरण और सुशासन जैसे प्रमुख विषयों पर चर्चा हुई। प्रत्येक विषय पर सवा घंटे का सत्र रखा गया, जिसमें विभागीय प्रमुख सचिवों ने प्रस्तुतियाँ दीं। बैठक के अंत में मुख्यमंत्री निवास के समत्व भवन में सभी अधिकारियों के लिए रात्रिभोज का आयोजन किया गया, जिससे अफसरों और सरकार के बीच संवाद और समन्वय को बढ़ावा मिले।

दूसरे दिन शिक्षा, ग्रामीण विकास और कानून व्यवस्था पर फोकस

कॉन्फ्रेंस के दूसरे दिन का एजेंडा सामाजिक और प्रशासनिक सुधारों पर केंद्रित रहेगा। इसमें शिक्षा, जनजातीय कल्याण, ग्रामीण विकास और कानून व्यवस्था जैसे विषयों पर मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव अफसरों के साथ चर्चा करेंगे। जिला पंचायत सीईओ के लिए विशेष प्रशिक्षण सत्र भी आयोजित किया जाएगा, जिससे योजनाओं के क्रियान्वयन में पारदर्शिता और दक्षता लाई जा सके।

जनसंवाद और रोजगार सृजन पर विशेष बल

इस कॉन्फ्रेंस का एक महत्वपूर्ण पहलू यह भी है कि सरकार स्थानीय रोजगार और जनसंवाद पर अधिक ध्यान दे रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिले स्तर पर संवाद और स्थानीय संसाधनों के उपयोग से रोजगार के अवसर बढ़ाने पर फोकस होना चाहिए। सरकार चाहती है कि अधिक से अधिक लोग आत्मनिर्भर बनें और योजनाओं का लाभ सीधे लाभार्थियों तक पहुंचे।

मुख्य सचिव अनुराग जैन और वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी

इस महत्वपूर्ण कॉन्फ्रेंस में मुख्य सचिव अनुराग जैन, अपर मुख्य सचिव संजय कुमार शुक्ला सहित 17 विभागों के प्रमुख सचिव, सचिव, कमिश्नर और जिला कलेक्टर मौजूद रहे। कॉन्फ्रेंस का समापन विजन 2047 के रोडमैप और सुशासन को मजबूत बनाने के संकल्प के साथ होगा।