योगी सरकार में बदली यूपी की तस्वीर, प्रदेश की कानून व्यवस्था बनी मिसाल, अपराध और दंगे दोनों हुए कम

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By Abhishek SinghPublished On: October 3, 2025

राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की ‘क्राइम इन इंडिया 2023’ रिपोर्ट में उत्तर प्रदेश की कानून-व्यवस्था की तारीफ की गई है। रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2023 में प्रदेश में सांप्रदायिक और धार्मिक दंगों की संख्या शून्य दर्ज की गई।


योगी आदित्यनाथ के कार्यकाल से पहले उत्तर प्रदेश में ऐसा कभी नहीं देखा गया। इसके अलावा, पूरे देश की तुलना में प्रदेश में अपराध दर लगभग एक चौथाई कम है। देश के सबसे बड़े राज्य में कुल अपराध दर 335.3 दर्ज की गई, जो राष्ट्रीय औसत 448.3 से 25% कम है। एनसीआरबी के आंकड़े यह दर्शाते हैं कि 2017 के बाद उत्तर प्रदेश शांति और सामाजिक सद्भाव का एक मजबूत केंद्र बन गया है।

2012-2017 के आंकड़े रहे चिंताजनक

एनसीआरबी रिपोर्ट के अनुसार उत्तर प्रदेश में सांप्रदायिक दंगों की संख्या शून्य रही, जो 2017 से लागू प्रदेश की जीरो टॉलरेंस नीति की सफलता को दर्शाता है। इसके विपरीत, 2012 से 2017 के बीच पांच वर्षों के आंकड़े इस मामले में काफी चिंताजनक रहे थे।

2017 के बाद, बड़े दंगों पर काबू

आंकड़ों के अनुसार, 2002-2006 के दौरान 815 दंगे हुए जिनमें 192 लोगों की मौत दर्ज की गई, जबकि 2007-2011 में 616 घटनाओं में 121 जानें गईं। इसके विपरीत, 2017 के बाद उत्तर प्रदेश में कोई बड़ा दंगा नहीं हुआ। बरेली और बहराइच में दो हिंसक झड़पें हुईं, लेकिन योगी सरकार ने 24 घंटे के भीतर स्थिति को नियंत्रित कर शांति बहाल की। बरेली की घटना में त्वरित कार्रवाई ने प्रदेश की कानून-व्यवस्था को और सुदृढ़ किया है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कड़ी नीतियों के परिणामस्वरूप प्रदेश में अपराध दर पर काबू पाया गया है। एनसीआरबी के आंकड़े बताते हैं कि उत्तर प्रदेश में विभिन्न अपराधों की दर राष्ट्रीय औसत की तुलना में काफी कम रही है।

यूपी बलवा मामले राष्ट्रीय औसत से आधे से भी कम

बलवा के मामलों में पूरे भारत में 39,260 मामले (क्राइम रेट 2.8) दर्ज किए गए, जबकि उत्तर प्रदेश में यह संख्या केवल 3,160 (क्राइम रेट 1.3) रही, जो राष्ट्रीय औसत से आधे से भी कम है और देश में 20वें स्थान पर स्थित है। वहीं, फिरौती के लिए अपहरण के मामलों में पूरे देश में 615 घटनाएं हुईं, जबकि यूपी में केवल 16 मामले दर्ज हुए, जिससे राज्य इस श्रेणी में देश में 36वें स्थान पर है।

डकैती के मामले ‘नियर जीरो’ क्राइम रेट

डकैती (आईपीसी 395) के मामलों में पूरे भारत में 3,792 मामले (क्राइम रेट 0.3) दर्ज किए गए, जबकि उत्तर प्रदेश में केवल 73 मामले सामने आए, जिससे यह ‘नियर जीरो’ क्राइम रेट की श्रेणी में आता है। बड़ी जनसंख्या के बावजूद इस उल्लेखनीय कमी का श्रेय योगी सरकार की कड़ी नीतियों और त्वरित कार्रवाई को जाता है।

अन्य राज्यों के लिए प्रेरणादायक मॉडल

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पारदर्शी प्रशासनिक नीतियों और कड़ी कानूनी कार्रवाई ने उत्तर प्रदेश में अपराधों पर नियंत्रण स्थापित करने में सफलता दिलाई है। एनसीआरबी की रिपोर्ट इस सफलता को योगी सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति का प्रत्यक्ष परिणाम मानती है। शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध रहते हुए प्रदेश में इस उपलब्धि ने न केवल उत्तर प्रदेश को गर्वित किया है, बल्कि अन्य राज्यों के लिए भी प्रेरणादायक उदाहरण प्रस्तुत किया है।