मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव निवेश को बढ़ावा देने के लिए अब उत्तर–पूर्व भारत की ओर अपने कदम बढ़ा रहे हैं। 5 अक्टूबर को वे गुवाहाटी में आयोजित इंटरैक्टिव सेशन ऑन इन्वेस्टमेंट अपॉर्च्युनिटीज में उत्तर–पूर्व के उद्योगपतियों और निवेशकों के साथ सीधा संवाद करेंगे। इस सत्र में फार्मास्यूटिकल, चाय, सीमेंट, रिन्यूएबल एनर्जी और खाद्य प्रसंस्करण जैसे विभिन्न क्षेत्रों के उद्योगपति शामिल होंगे।
गुवाहाटी फार्मा उद्योग का प्रमुख केंद्र है, जहां सन फार्मा, अल्केम और अजंता जैसी बड़ी कंपनियां सक्रिय हैं। इसके अलावा सीमेंट, पेट्रोकेमिकल्स, चाय उद्योग, पर्यटन, वेलनेस, रिन्यूएबल एनर्जी और कृषि–प्रसंस्करण के क्षेत्र भी तेजी से विकसित हो रहे हैं। डिब्रूगढ़ में ऑयल इंडिया का मुख्यालय और बीपीसीएल के बड़े प्रोजेक्ट स्थित हैं, जबकि तिनसुकिया चाय बागान और लॉजिस्टिक्स का केंद्र है। जोरहाट चाय अनुसंधान का हब है, और शिवसागर तथा नाज़िरा में ONGC की संपत्तियां हैं। नामरूप में असम पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड भी सक्रिय भूमिका निभा रहा है।
रणनीति से निवेश और विकास में महत्वपूर्ण कदम
इस संवाद के माध्यम से मध्यप्रदेश और उत्तर–पूर्व के बीच भरोसे और साझेदारी की नई नींव रखी जाएगी। फार्मा, सीमेंट, पेट्रोकेमिकल्स, पर्यटन और कृषि–प्रसंस्करण जैसे क्षेत्रों में सहयोग से नई संभावनाओं और रोजगार के अवसर उत्पन्न होंगे। गुवाहाटी में यह इंटरैक्टिव सेशन 5 अक्टूबर को रेडिसन ब्लू होटल में आयोजित किया जाएगा, जिसमें विभिन्न उद्योग क्षेत्रों के प्रमुख निर्णयकर्ता और निवेशक भाग लेंगे। मुख्यमंत्री की यह पहल मध्यप्रदेश को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर निवेश के लिए एक भरोसेमंद और प्रगतिशील गंतव्य के रूप में स्थापित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम साबित होगी।
निवेश और रोजगार के नए अवसरों के खुलेंगे द्वार
मध्यप्रदेश की निवेशक-अनुकूल नीतियाँ, आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर और उत्कृष्ट कनेक्टिविटी इन क्षेत्रों के उद्योगपतियों को आकर्षित करने में सहायक साबित होंगी। राज्य सरकार का मानना है कि यह साझेदारी निवेश और रोजगार के नए अवसरों के द्वार खोलेगी। गुवाहाटी के अलावा डिब्रूगढ़, तिनसुकिया, जोरहाट, शिवसागर और नामरूप के प्रतिनिधि इस सत्र में शामिल होंगे। साथ ही शिलांग, अगरतला, आइजोल, इंफाल, कोहिमा और दीमापुर सहित अन्य राज्यों से भी उद्योगपति इसमें भाग लेंगे।