मध्यप्रदेश में मौसम ने एक बार फिर करवट बदल ली है। शुक्रवार को प्रदेश के कई हिस्सों में तेज बारिश होने के आसार हैं। जबलपुर समेत लगभग 17 जिलों को मौसम विभाग ने अलर्ट पर रखा है। इनमें से रीवा, मऊगंज, सीधी और सिंगरौली में अगले 24 घंटों के दौरान भारी से अति भारी वर्षा की चेतावनी दी गई है। इन जिलों में 8 इंच तक पानी गिरने की संभावना जताई गई है। मौसम विभाग का कहना है कि यह सिस्टम 4 अक्टूबर तक सक्रिय रहेगा और लगातार बारिश करवा सकता है।
चक्रवाती तंत्र का असर
मौसम वैज्ञानिक अरुण शर्मा ने बताया कि इस समय देश के पूर्वी और पश्चिमी हिस्सों में डिप्रेशन और डीप डिप्रेशन एक्टिव हैं। इनके साथ-साथ दो चक्रवाती परिसंचरण तंत्र भी सक्रिय हैं। इनमें से एक तंत्र मध्यप्रदेश के पूर्वी भाग में प्रभाव डाल रहा है। इसका असर शुक्रवार से साफ तौर पर दिखाई देगा और अगले 48 घंटे तक अच्छी वर्षा होने की संभावना बनी रहेगी। यानी प्रदेशवासियों को अभी और बारिश का सामना करना पड़ सकता है।
इन जिलों में अलर्ट
मौसम विभाग ने शुक्रवार के लिए अलग-अलग स्तर के अलर्ट जारी किए हैं। रीवा, मऊगंज, सीधी और सिंगरौली में अत्यधिक वर्षा की संभावना को देखते हुए ऑरेंज अलर्ट घोषित किया गया है। वहीं, जबलपुर, सतना, पन्ना, मैहर, दमोह, कटनी, उमरिया, शहडोल, अनूपपुर, डिंडोरी, मंडला, नरसिंहपुर और छिंदवाड़ा जैसे जिलों में यलो अलर्ट दिया गया है। यानी यहां भी अच्छी बारिश हो सकती है। हालांकि, रविवार से सिस्टम की तीव्रता कुछ कम होने के संकेत हैं, लेकिन हल्की बारिश का दौर आगे भी चलता रह सकता है।
दशहरे पर भी बरसे बादल
इससे पहले दशहरे के दिन भी प्रदेश के कई इलाकों में बारिश हुई थी। नर्मदापुरम में आधा इंच से ज्यादा वर्षा दर्ज की गई। दतिया और नरसिंहपुर में भी लगभग इतनी ही बारिश हुई। भोपाल, इंदौर, नौगांव (छतरपुर), सागर और टीकमगढ़ में रिमझिम फुहारों ने त्योहार के दिन मौसम को सुहावना बना दिया। इससे लोगों ने उत्सव का आनंद और बढ़े हुए उत्साह के साथ मनाया।
मानसून विदाई की प्रक्रिया
फिलहाल प्रदेश के 12 जिलों से मानसून विदा हो चुका है। इनमें ग्वालियर, श्योपुर, मुरैना, भिंड, दतिया, शिवपुरी, गुना, आगर-मालवा, नीमच, मंदसौर और रतलाम शामिल हैं। इसके अलावा राजगढ़ और अशोकनगर के कुछ हिस्सों से भी मानसून लौट चुका है। मौसम विभाग का अनुमान है कि 10 अक्टूबर तक पूरे प्रदेश से मानसून की विदाई हो जाएगी। हालांकि इस बार मानसून थोड़ा देर से विदा हो रहा है। आमतौर पर यह 6 अक्टूबर तक चला जाता है, लेकिन सक्रिय सिस्टम की वजह से इसकी अवधि कुछ और दिन बढ़ सकती है।
सबसे ज्यादा और सबसे कम बारिश वाले जिले
इस बार सबसे अधिक बारिश गुना जिले में हुई है, जहां 65.6 इंच पानी दर्ज किया गया। मंडला और रायसेन में भी 62 इंच से ज्यादा वर्षा हुई। वहीं, श्योपुर और अशोकनगर में 56 इंच से अधिक पानी गिरा। दूसरी ओर, कुछ जिलों में बारिश काफी कम रही। शाजापुर में केवल 28.9 इंच, खरगोन में 29.6 इंच, खंडवा में 32 इंच, बड़वानी में 33.5 इंच और धार में 33.6 इंच वर्षा दर्ज की गई। शुरुआत में इंदौर और उज्जैन संभाग में बारिश की स्थिति कमजोर रही थी, लेकिन सितंबर की अच्छी वर्षा ने इंदौर को सामान्य स्तर तक पहुँचा दिया। हालांकि उज्जैन के कुछ जिलों में अब भी सुधार की जरूरत बनी हुई है। सबसे कम बारिश वाले जिलों की सूची में शाजापुर शीर्ष पर है।