दशहरा जिसे विजयादशमी के नाम से भी जाना जाता है, केवल रावण पर भगवान राम की विजय का उत्सव नहीं, बल्कि धर्म, पुण्य और सकारात्मक ऊर्जा के जागरण का पर्व भी है। यह दिन हमें यह सिखाता है कि जब हम अपने जीवन से नकारात्मकता को हटाकर अच्छाई का मार्ग अपनाते हैं, तो विजय अवश्य मिलती है।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, विजयादशमी पर किया गया दान विशेष पुण्यदायी होता है और इसका फल सामान्य दिनों की अपेक्षा कई गुना अधिक मिलता है।
आइए जानते हैं इस शुभ दिन पर किन वस्तुओं का दान करना सबसे उत्तम माना गया है….
गुप्त रूप से करें अन्न और वस्त्र का दान
शास्त्रों में गुप्त दान को सर्वोत्तम दान कहा गया है। दशहरे के पावन अवसर पर बिना किसी दिखावे के, किसी ज़रूरतमंद, गरीब या ब्राह्मण को अन्न (जैसे चावल, गेहूं, दाल आदि) और वस्त्र दान करना अत्यंत पुण्यदायी माना जाता है।
- लाभ: गुप्त दान से दरिद्रता का नाश होता है, पारिवारिक सुख-शांति में वृद्धि होती है और अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है।
पीले वस्त्र और मिठाई से बढ़ेगा सौभाग्य
पीला रंग हमेशा से ही समृद्धि और शुभता का प्रतीक रहा है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, दशहरे के दिन पीले वस्त्रों के साथ नारियल, मिठाई और जनेऊ किसी योग्य ब्राह्मण को दान करने से जीवन में बाधाएं दूर होती हैं।
- लाभ: यह दान व्यवसाय में रुकावटें दूर करता है, आर्थिक उन्नति में सहायक होता है और करियर ग्रोथ के नए रास्ते खोलता है।
झाड़ू का दान
भारतीय संस्कृति में झाड़ू को मां लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है। यह न केवल घर की सफाई का प्रतीक है, बल्कि नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने का भी संकेत है।
- लाभ: दशहरे के दिन धार्मिक स्थल या ज़रूरतमंद को नई झाड़ू का दान करने से वास्तु दोष समाप्त होता है और घर में आर्थिक स्थिरता आती है।
सफेद वस्त्रों का दान
सफेद रंग को शुद्धता, करुणा और मानसिक शांति का प्रतीक माना गया है। इस दिन धोती, कुर्ता, साड़ी या चादर जैसे सफेद वस्त्रों का दान बहुत लाभकारी होता है।
- लाभ: सफेद वस्त्रों का दान मन की शांति, चिंता से मुक्ति, और आध्यात्मिक संतुलन प्रदान करता है।
फल और नारियल का दान
दशहरे के दिन नारियल और मौसमी फल किसी ब्राह्मण या ज़रूरतमंद को दान करना बेहद पुण्यकारी होता है। यह शरीर, मन और आत्मा तीनों के संतुलन में सहायक है।
- लाभ: इससे व्यापार में तरक्की, प्रतिष्ठा में वृद्धि, और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
सुहाग सामग्री का दान
यदि आप विवाहित महिला हैं, तो दशहरे के दिन किसी सुहागन स्त्री को सिंदूर, चूड़ियां, मेहंदी, बिंदी आदि जैसी सुहाग की सामग्री दान करना विशेष शुभ माना जाता है।
- लाभ: इससे वैवाहिक जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है और पति की लंबी उम्र का आशीर्वाद मिलता है। साथ ही महिला को देवी स्वरूप मानकर पूजने से मां दुर्गा की कृपा भी प्राप्त होती है।