रेजांग-ला के ऐतिहासिक युद्ध में भारतीय सेना के 120 बहादुर सैनिकों ने लगभग 3,000 चीनी सैनिकों को पराजित किया था। इस अद्वितीय शौर्य और बलिदान को सम्मानित करते हुए शुक्रवार को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने अटल पथ पर रेजांग-ला के पवित्र रज कलश का पूजन किया। उन्होंने कहा कि भारतीय सैनिकों ने इस युद्ध में साहस और दृढ़ संकल्प का परिचय देते हुए देश की रक्षा की और दुश्मनों को परास्त किया। मुख्यमंत्री ने वीर जवानों के पराक्रम की सराहना करते हुए कहा कि उनका साहस और समर्पण अनुकरणीय है।
पराक्रमी सेना पर गर्व और वीरता का संदेश
मुख्यमंत्री ने विशेष रूप से परमवीर चक्र से सम्मानित योगेंद्र सिंह यादव का उदाहरण दिया। उन्होंने बताया कि योगेंद्र सिंह यादव ने मात्र 19 साल की उम्र में कई गोलियां लगने के बावजूद टाइगर हिल्स की लड़ाई में पाकिस्तानियों के छक्के छुड़ाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी वीरता और बलिदान आज भी सभी के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं। इस अवसर पर विधायक भगवानदास सबनानी, महेंद्र सिंह यादव और यात्रा प्रभारी शेर सिंह यादव सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे।
यादव समाज के बहादुरों का गौरव और फिल्म के लिए प्रोत्साहन
कलश यात्रा के दौरान सीएम डॉ. यादव ने बताया कि रेजांग-ला के वीर सैनिक अहीर (यादव) समाज से थे। उन्होंने यह भी कहा कि यदि इन सैनिकों पर कोई फिल्म बनाई जा रही है, तो राज्य सरकार फिल्म निर्माता को सब्सिडी देकर इस प्रयास को प्रोत्साहित करेगी। मुख्यमंत्री ने समाज की ऐसी महान उपलब्धियों को युवा पीढ़ी तक पहुँचाने पर जोर दिया। उन्होंने एवरेस्ट फतह करने वाले संतोष यादव और महिला लोको पायलट सुलेखा यादव जैसी हस्तियों का उदाहरण देते हुए कहा कि इनकी उपलब्धियों ने यादव समाज का गौरव बढ़ाया है।
कार्यक्रम में परमवीर चक्र विजेता योगेंद्र सिंह यादव का संदेश
कार्यक्रम में मौजूद परमवीर चक्र विजेता योगेंद्र सिंह यादव ने कहा कि रेजांग-ला कलश यात्रा उनके लिए गर्व का विषय है। उनका कहना था कि यह यात्रा केवल शौर्य और वीरता को याद रखने की नहीं, बल्कि समाज को एकजुट करने और युवाओं में देशभक्ति और सम्मान की भावना विकसित करने की है। उन्होंने इस अवसर पर कहा कि यह समाज को ऊंचाई पर ले जाने वाली प्रेरणा का अभियान है।
कलश यात्रा का उद्देश्य और सामाजिक संदेश
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि रेजांग-ला कलश यात्रा का मुख्य उद्देश्य भारतीय समाज में शहीदों के शौर्य के प्रति सम्मान की भावना बढ़ाना और युवाओं में प्रेरणा पैदा करना है। यह यात्रा न केवल वीर सैनिकों को नमन करने का माध्यम है, बल्कि समाज को एकजुट करने और युवा पीढ़ी को देशभक्ति के मूल्य सिखाने की एक प्रेरक पहल भी है।