मध्य प्रदेश में स्वदेशी को बढ़ावा देने के उद्देश्य से गुरुवार को राज्य स्तरीय स्वदेशी जागरण सप्ताह का भव्य आगाज हुआ। भोपाल स्थित रवींद्र भवन में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने हाथों में तिरंगा थामकर एक उत्साहपूर्ण रैली का नेतृत्व किया। इस रैली में सैकड़ों कार्यकर्ता शामिल हुए और पूरे जोश के साथ ‘गर्व से कहिए, हम स्वदेशी हैं’ के नारे लगाए।
यह अभियान मध्य प्रदेश जन-अभियान परिषद और स्वदेशी जागरण मंच के संयुक्त तत्वावधान में संचालित हो रहा है, जो प्रदेश के 313 विकासखंडों में 2 अक्टूबर तक जारी रहेगा। सप्ताह भर चलने वाले इस आयोजन में जागरूकता रैलियां, विचार गोष्ठियां और स्वदेशी मेले भी आयोजित किए जाएंगे।
गांधी और दीनदयाल उपाध्याय को श्रद्धांजलि
कार्यक्रम की शुरुआत में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने महात्मा गांधी और जनसंघ के संस्थापक पंडित दीनदयाल उपाध्याय की 109वीं जयंती पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। इस अवसर पर उन्होंने दोनों महान व्यक्तित्वों के विचारों में समानता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि स्वदेशी ही वह मूल मंत्र रहा है, जिसने भारत को स्वतंत्रता दिलाई और आज पूरी दुनिया को भारत की क्षमता पर विश्वास करने को प्रेरित किया है।
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वदेशी अभियान के प्रतीक और ब्रांड एंबेसडर हैं। ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ की अवधारणा स्वदेशी की ताकत से ही साकार हो रही है।
मिट्टी से जुड़ाव ही असली देशभक्ति
सीएम ने प्रहलाद की दृढ़ संकल्प शक्ति का उदाहरण देते हुए कहा कि शक्ति तो हिरण्यकशिपु जैसी ताकतों में भी हो सकती है, लेकिन वास्तविक सामर्थ्य संकल्प में निहित है। स्वदेशी आंदोलन को सफल बनाने के लिए यही दृढ़ संकल्प आवश्यक है। हमारी संस्कृति सदियों से स्वदेशी की शक्ति पर आधारित रही है। उन्होंने भगवान राम और लक्ष्मण के बीच लंका विजय के बाद हुए संवाद का उल्लेख करते हुए कहा— “जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसी।” हमें अपनी जन्मभूमि से सच्चा प्रेम करना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि धन-संपत्ति कई देशों के पास है, लेकिन मन का विस्तार केवल भारत जैसी संस्कृति में है। यही कारण है कि भारत का 56 इंच का सीना स्वदेशी की भावना से दुनिया को राह दिखाने की ताकत रखता है।