मध्य प्रदेश के पेंच टाइगर रिजर्व के कोर इलाके के मुख्य गेट जमतरा, कर्माझिरी और दूरिया 1 अक्टूबर से पर्यटकों के लिए फिर से खुलने वाले हैं। तीन महीने के इंतज़ार के बाद, अब वन्यजीव प्रेमी फिर से बाघों को करीब से देख सकेंगे। हालांकि, इस बार आपको अपनी जेब थोड़ी और ढीली करनी पड़ेगी, क्योंकि प्रवेश और गाइड शुल्क में 10% की बढ़ोतरी हो गई है।
तीन साल बाद पहली बार बढ़ी फीस
यह बढ़ोतरी तीन साल के बाद की गई है। इससे पहले, साल 2021 में फीस बढ़ाई गई थी। अब भारतीय पर्यटकों को प्रवेश के लिए ₹2400 की जगह ₹2640 चुकाने होंगे, जबकि विदेशी पर्यटकों के लिए यह शुल्क ₹4800 से बढ़कर ₹5280 हो गया है। इसके अलावा, गाइड की फीस भी ₹480 से बढ़ाकर ₹800 कर दी गई है। यह बदलाव संरक्षण और पर्यटन गतिविधियों को बेहतर बनाने के उद्देश्य से किया गया है।
मानसून में बंद रहता है कोर एरिया
पेंच टाइगर रिजर्व का कोर एरिया हर साल मानसून के दौरान, यानी 1 जुलाई से 30 सितंबर तक बंद रहता है। इस समय का उपयोग पार्क की सड़कों की मरम्मत और वन्यजीवों के संरक्षण के लिए किया जाता है। हालांकि, इस दौरान पर्यटक बफर जोन में जा सकते हैं, लेकिन कोर एरिया जितना रोमांच वहां नहीं होता। इसीलिए, सभी पर्यटक कोर एरिया के खुलने का बेसब्री से इंतज़ार करते हैं, क्योंकि यहां जानवरों को देखने की संभावना बहुत ज़्यादा होती है।
पेंच टाइगर रिजर्व की विशेषताएँ
पेंच टाइगर रिजर्व देश के सबसे महत्वपूर्ण बाघ अभयारण्यों में से एक है और यह मध्य प्रदेश का सबसे बड़ा राष्ट्रीय उद्यान भी है। यहाँ केवल बाघ ही नहीं, बल्कि भारतीय तेंदुआ, भालू, और बारहसिंगा जैसे कई अन्य जानवर भी पाए जाते हैं। क्या आप जानते हैं कि रुडयार्ड किपलिंग की मशहूर किताब “जंगल बुक” का जंगल भी इसी पेंच टाइगर रिजर्व पर आधारित माना जाता है?