मध्य प्रदेश में अब बिना परमिट के बस या किसी भी व्यावसायिक वाहन को चलाना बहुत महंगा पड़ सकता है। हाल ही में, राज्यपाल मंगूभाई पटेल ने मध्य प्रदेश मोटरयान कराधान (संशोधन) अधिनियम 2025 को मंजूरी दे दी है। इस नए कानून का मकसद सड़क सुरक्षा को बढ़ाना और यह सुनिश्चित करना है कि सभी वाहन नियमों का पालन करें।
बिना परमिट वाली बसों पर प्रति सीट 1,000 रुपए का जुर्माना
अगर कोई यात्री बस, स्कूल बस, या कोई अन्य व्यावसायिक वाहन बिना परमिट के चलता पाया जाता है, तो उस पर हर सीट के हिसाब से 1,000 रुपए तक का जुर्माना लगेगा। इसका मतलब है कि अगर 40 सीटों वाली बस बिना परमिट चल रही है, तो मालिक को 40,000 रुपए तक का भारी जुर्माना देना पड़ सकता है। यह नियम सभी व्यावसायिक वाहनों पर लागू होगा, और नियमों को तोड़ने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
टैक्स न चुकाने पर लगेगा चार गुना जुर्माना
नए कानून के अनुसार, अगर किसी वाहन का टैक्स बकाया है, तो उस पर बकाया टैक्स का चार गुना जुर्माना वसूला जाएगा। उदाहरण के लिए, अगर आपकी बस का 10,000 रुपए टैक्स बकाया है, तो आपको जुर्माने के तौर पर 40,000 रुपए देने पड़ सकते हैं। इसके अलावा, अगर कोई वाहन लाइफटाइम टैक्स नहीं चुकाता है, तो हर साल या साल के हिस्से के लिए लाइफटाइम टैक्स का 10% अतिरिक्त शुल्क भी जुर्माने के रूप में वसूला जाएगा।
परिवहन विभाग की अपील
परिवहन विभाग ने सभी वाहन मालिकों से जल्द से जल्द अपने वाहनों के परमिट और टैक्स को अपडेट कराने की अपील की है। विभाग ने यह साफ कर दिया है कि अब नियमों के पालन में कोई ढील नहीं दी जाएगी। यह नया कानून, जो मध्य प्रदेश मोटरयान कराधान अधिनियम 1991 की धारा 13 में संशोधन करके बनाया गया है, कानूनी तौर पर लागू हो चुका है। इसका उद्देश्य न केवल नियमों का पालन सुनिश्चित करना है, बल्कि सड़कों पर वाहनों की सुरक्षा को भी बेहतर बनाना है।