इंदौर में इस बार श्रद्धालुओं के लिए अद्भुत अवसर बनने जा रहा है। यहां एक ही जगह पर देशभर के 12 ज्योतिर्लिंगों के दर्शन होंगे। सामान्य रूप से भक्तों को इन पवित्र स्थलों के लिए अलग-अलग राज्यों की यात्रा करनी पड़ती है, लेकिन इस आयोजन में सभी ज्योतिर्लिंग एक ही स्थल पर स्थापित किए गए हैं। इसके साथ ही देश के बड़े और प्रसिद्ध मंदिरों की झलक भी देखने को मिलेगी, जिससे यह आयोजन धार्मिक पर्यटन का अनोखा केंद्र बनने जा रहा है।
300 करोड़ से बनी दिव्य नगरी
करीब 30 एकड़ क्षेत्र में फैली इस अलौकिक नगरी का निर्माण 300 करोड़ रुपये से अधिक लागत में किया गया है। पूरे परिसर को भव्यता, आकर्षण और दिव्यता के साथ बसाया गया है। यहां श्रद्धालु प्रवेश करते ही स्वयं को किसी दूसरी आध्यात्मिक दुनिया में महसूस करेंगे। रंग-बिरंगी सजावट, आकर्षक वास्तुकला और अलौकिक झांकियां इस नगरी को अद्वितीय बना रही हैं।
नवरात्रि पर स्वर्ण कलश वितरण
नवरात्रि के पावन पर्व पर इस आयोजन की शोभा और भी बढ़ जाएगी। आयोजन समिति की ओर से 10 हजार स्वर्ण कलशों का वितरण किया जाएगा। यह कलश श्रद्धालुओं के लिए आशीर्वाद और सौभाग्य का प्रतीक होंगे। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, स्वर्ण कलश समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है, इसलिए श्रद्धालुओं में इसे पाने की उत्सुकता विशेष रूप से रहेगी।
संत बसंत विजय आनंद गिरि महाराज का मार्गदर्शन
इस अद्भुत आयोजन का नेतृत्व संत बसंत विजय आनंद गिरि महाराज कर रहे हैं। उनकी प्रेरणा और मार्गदर्शन में यह आयोजन एक धार्मिक उत्सव से बढ़कर एक विशाल आध्यात्मिक पर्व बन गया है। संत महाराज लंबे समय से ऐसे आयोजनों के माध्यम से समाज को धर्म, अध्यात्म और सेवा से जोड़ने का कार्य करते रहे हैं।
पूजा-पाठ और हवन की भव्यता
पूरे आयोजन का सबसे खास हिस्सा पूजा और हवन की अद्भुत व्यवस्था है। यहां 22 सितंबर से 2 अक्टूबर तक एक करोड़ कुमकुम पूजा की जाएगी। इसके साथ ही 30 हजार किलो औषधियों और 7 हजार लीटर घी से विशाल हवन का आयोजन होगा। इस हवन से पूरे परिसर में सकारात्मक ऊर्जा और दिव्य वातावरण का निर्माण होगा। श्रद्धालु इसमें भाग लेकर विशेष धार्मिक अनुभव प्राप्त करेंगे।
देशभर से जुटे कलाकार
इस आयोजन को कला और संस्कृति का रंग देने के लिए देशभर से 500 से अधिक कलाकार बुलाए गए हैं। इनमें सबसे ज्यादा कलाकार आंध्रप्रदेश से आए हैं, जो पिछले तीन महीनों से लगातार पंडाल निर्माण में जुटे हुए हैं। बड़े-बड़े झांकी, मूर्तियां और कलात्मक सजावट इनके परिश्रम का परिणाम हैं। पंडाल लगभग बनकर तैयार हो चुका है और अंतिम रूप देने का काम जोरों पर है।
भक्तों के लिए अद्वितीय अनुभव
यह आयोजन न सिर्फ धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह कला, संस्कृति और आस्था का संगम भी है। इंदौर में आयोजित यह कार्यक्रम भक्तों के लिए एक ऐसा अनुभव होगा, जिसे वे जीवनभर याद रखेंगे। दिव्यता, भव्यता और श्रद्धा से सजा यह महोत्सव नवरात्रि के मौके पर देशभर के भक्तों को अपनी ओर आकर्षित करेगा।