एमपी में अफसरों की गुंडई पर सीएम का सख्त कदम, दो को किया सस्पेंड, तीसरे पर जांच के आदेश

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By Raj RathorePublished On: September 20, 2025

मध्यप्रदेश में अफसरों के रुतबे का दुरुपयोग एक बार फिर सामने आया है। मुरैना जिले के सबलगढ़ के एसडीएम अरविंद माहौर पर लंबे समय से एक युवती को फोन पर परेशान करने का आरोप लगा है। घटना में एसडीएम ने युवती के चाचा को भी धमकाया। युवती की मां इतनी विवश हुई कि उन्हें कलेक्टर से शिकायत करनी पड़ी। कलेक्टर अंकित अस्थाना ने माहौर का तबादला किया, लेकिन शक्ति और अधिकार के नशे में डूबे एसडीएम ने नई जगह जाने से पहले नियम तोड़ते हुए 6 पटवारियों के तबादले कर दिए।

मुख्यमंत्री की कार्रवाई: सस्पेंशन


शुक्रवार को मामला गरमाया तो मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने एसडीएम अरविंद माहौर को तत्काल सस्पेंड कर दिया। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कहा कि जनसेवा में आचरण की मर्यादा से समझौता स्वीकार्य नहीं है। अधिकारी और कर्मचारी जनता के प्रति संवेदनशील और जिम्मेदार होने चाहिए।

शिवपुरी: नायब तहसीलदार का थप्पड़मार मामला

शिवपुरी जिले के करैरा में खाद वितरण केंद्र पर टोकन के लिए कतार में खड़े किसान महेंद्र राजपूत को नायब तहसीलदार विजय त्यागी ने थप्पड़ मार दिया। किसान दूसरी कतार में जाने का प्रयास कर रहे थे, तभी नायब तहसीलदार ने उन्हें सार्वजनिक रूप से पीटा। घटना का वीडियो स्थानीय लोगों ने रिकॉर्ड किया, जिसे पुलिस ने मोबाइल से डिलीट करवा दिया। इस घटना के बाद सोशल मीडिया पर लोग विरोध जताने लगे और कांग्रेस नेता भी मामले में सक्रिय हुए।

मंडला: चेक प्वॉइंट वसूली का मामला

मंडला जिले में परिवहन नाकों पर वसूली की शिकायतें लंबे समय से सामने आई हैं। सरकार ने पुराने नाकों को बंद कर नए चेक प्वॉइंट बनाए, लेकिन यहां भी अधिकारी व कर्मी वसूली कर रहे थे। रायपुर-जबलपुर एनएच 30 पर जोगी मंडी घाट में ट्रक ड्राइवरों ने चेक प्वॉइंट के प्रभारी पीएस भिलाला पर जमकर हमला किया और उनकी चप्पल तोड़ दी। विभाग ने भिलाला को सस्पेंड कर दिया।

सबलगढ़ एसडीएम के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई

सबलगढ़ एसडीएम अरविंद माहौर को युवती को परेशान करने, अभद्रता और नियम-विरोधी पटवारियों के तबादलों के आरोपों के आधार पर सस्पेंड किया गया है। कमिश्नर चंबल को भी निर्देश दिए गए हैं कि वे इस मामले में अनुशासनात्मक कार्रवाई सुनिश्चित करें। सरकारी अधिकारियों के लिए यह स्पष्ट संदेश है कि जनसेवा में आचरण की मर्यादा से समझौता किसी भी हालत में स्वीकार्य नहीं होगा।