हिल स्टेशन पचमढ़ी के लिए बुधवार का दिन ऐतिहासिक साबित हुआ। सर्वोच्च न्यायालय ने कैंटोनमेंट क्षेत्र में भवन निर्माण पर पिछले 25 साल से लगी रोक को हटा दिया है। कोर्ट ने अपने फैसले में स्पष्ट कर दिया कि अब यहां ग्राउंड प्लस थ्री (G+3) यानि चार मंजिला तक का निर्माण कार्य किया जा सकता है। इस फैसले के साथ ही क्षेत्र के लोगों में खुशी की लहर दौड़ गई। लंबे समय से रोक के कारण परेशान जनता ने राहत की सांस ली और जश्न मनाने के लिए सड़कों पर उतर आई।
सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला
सुनवाई के दौरान पचमढ़ी छावनी परिषद की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक तन्खा ने पक्ष रखा। उन्होंने बताया कि कैंटोनमेंट एरिया में प्लॉट के आकार बेहद छोटे हैं, ऐसे में 300 स्क्वायर फीट में भवन निर्माण करना व्यावहारिक नहीं है। इसलिए कोर्ट से आग्रह किया गया कि जी प्लस थ्री (G+3) नियम लागू किया जाए। तर्कों को सुनने के बाद सर्वोच्च न्यायालय ने छावनी परिषद को राहत देते हुए आदेश दिया कि अब यहां भवन निर्माण के नियमों के तहत चार मंजिला तक का निर्माण संभव होगा।
जश्न में डूबा पचमढ़ी
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद पचमढ़ी के लोगों की खुशी देखते ही बन रही थी। दोपहर से ही लोग सड़कों पर उतर आए, एक-दूसरे को मिठाइयां खिलाकर बधाई दी। छावनी परिषद में भारत सरकार के ओर से नामित सदस्य संजय लेडवानी ने कहा कि यह पचमढ़ी की जनता की जीत है। लंबे समय से लोग इस फैसले का इंतजार कर रहे थे और आज उन्हें न्याय मिला है।
कमेटी की रिपोर्ट बनी आधार
गौरतलब है कि साल 2000 में पचमढ़ी कैंटोनमेंट एरिया में भवन निर्माण पर रोक लगा दी गई थी। इसके बाद मार्च 2018 में सुप्रीम कोर्ट ने एक विशेष कमेटी बनाई थी, जिसने विस्तृत अध्ययन कर सिफारिश दी थी कि क्षेत्र में जी प्लस थ्री निर्माण की अनुमति दी जानी चाहिए। अब कोर्ट ने कमेटी की सिफारिश को स्वीकार करते हुए अंतिम आदेश पारित कर दिया।
लोगों को मिलेगी राहत
पचमढ़ी में लंबे समय से कई मकान जर्जर हालत में खड़े हैं। रोक के कारण लोग मरम्मत और पुनर्निर्माण नहीं करा पा रहे थे। इस वजह से यहां रहने वाले परिवारों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा था। अब सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद वे न केवल मरम्मत करा सकेंगे बल्कि नए सिरे से निर्माण भी कर पाएंगे।
विवेक तन्खा का बयान
वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक तन्खा ने फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह पचमढ़ी की जनता के लिए बड़ी राहत है। उन्होंने बताया कि हमने कोर्ट में मजबूती से अपना पक्ष रखा और अब कोर्ट ने जनता की समस्याओं को समझते हुए राहत दी है। उन्होंने कहा कि यह फैसला पचमढ़ी के भविष्य को नया आयाम देगा।