मध्य प्रदेश सरकार ने राज्य की दो प्रमुख औद्योगिक और राजनीतिक राजधानी कहे जाने वाले शहरों – भोपाल और इंदौर – को जोड़ने के लिए एक हाई-स्पीड एक्सप्रेसवे कॉरिडोर बनाने का बड़ा फैसला लिया है। इस परियोजना का रूट भी तय कर लिया गया है। इसके निर्माण के बाद दोनों शहरों के बीच यात्रा का समय घटकर मात्र डेढ़ से दो घंटे रह जाएगा।
दूरी घटेगी, समय और ईंधन दोनों की होगी बचत
फिलहाल भोपाल से इंदौर का सफर सड़क मार्ग से तय करने में लगभग साढ़े तीन से चार घंटे लगते हैं। लेकिन इस नए एक्सप्रेसवे के बन जाने के बाद यह यात्रा केवल 90 से 120 मिनट में पूरी की जा सकेगी। इस कॉरिडोर से दोनों शहरों के बीच की दूरी करीब 45 से 50 किलोमीटर कम हो जाएगी। इससे न केवल यात्रियों का समय बचेगा बल्कि ईंधन की खपत में भी भारी कमी आएगी। खासतौर पर उन लोगों को बड़ा फायदा होगा जो रोज़ाना या नियमित तौर पर इन शहरों के बीच सफर करते हैं।
भारतमाला परियोजना की तर्ज पर बनेगा कॉरिडोर
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इस एक्सप्रेसवे का निर्माण नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) द्वारा किया जाएगा। यह परियोजना भारत सरकार की भारतमाला हाईवे योजना की तर्ज पर तैयार होगी। इसका मतलब है कि सड़क का डिजाइन और संरचना अंतरराष्ट्रीय मानकों के हिसाब से बनाई जाएगी, ताकि वाहनों को हाई-स्पीड पर भी सुरक्षित और आरामदायक सफर मिल सके।
डीपीआर मंत्रालय को भेजी गई, जल्द शुरू होगा काम
राज्य सरकार से मंजूरी मिलने के बाद, एनएचएआई ने इस परियोजना की डीपीआर (विस्तृत परियोजना रिपोर्ट) सड़क परिवहन मंत्रालय को भेज दी है। मंत्रालय से अंतिम स्वीकृति मिलते ही एक्सप्रेसवे का जमीनी निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा। उम्मीद की जा रही है कि हरी झंडी मिलने के बाद काम तेज गति से आगे बढ़ेगा।
सिंहस्थ 2028 से पहले पूरा करने का लक्ष्य
मध्य प्रदेश सरकार इस परियोजना को लेकर बेहद गंभीर है। सरकार का लक्ष्य है कि इस हाई-स्पीड कॉरिडोर को सिंहस्थ 2028 से पहले शुरू कर दिया जाए। सिंहस्थ महाकुंभ के दौरान लाखों श्रद्धालु और पर्यटक उज्जैन और आसपास के क्षेत्रों में पहुंचते हैं। ऐसे में भोपाल और इंदौर के बीच तेज और सुविधाजनक कनेक्टिविटी इस आयोजन को और अधिक सफल बनाएगी।
प्रदेश की अर्थव्यवस्था को भी मिलेगा फायदा
यह एक्सप्रेसवे न केवल यात्रियों के लिए सुविधाजनक होगा बल्कि प्रदेश की अर्थव्यवस्था को भी नई दिशा देगा। भोपाल और इंदौर दोनों ही उद्योग, शिक्षा और व्यापार के बड़े केंद्र हैं। इनके बीच तेज़ और सुरक्षित कनेक्टिविटी से व्यापारिक गतिविधियों में तेजी आएगी और निवेशकों के लिए भी यह इलाका और आकर्षक बन जाएगा।