17 सितंबर से शुरू हो रहा सेवा पखवाड़ा, सीएम मोहन यादव ने अधिकारियों को सौंपी अहम जिम्मेदारियां

Author Picture
By Abhishek SinghPublished On: September 13, 2025

प्रदेश में 17 सितंबर से आरंभ होने वाले सेवा पखवाड़े की सफलता सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी जिलों में कलेक्टरों, संभागों में संभागायुक्तों और प्रभारी मंत्रियों को सौंपी गई है। कलेक्टर अपने जिले में नेतृत्व करेंगे, जबकि प्रभारी मंत्री समय-समय पर मार्गदर्शन देंगे और संभागायुक्त पूरे संभाग की गतिविधियों पर निगरानी रखेंगे। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मंदसौर से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी संभागायुक्तों और कलेक्टरों से चर्चा कर उन्हें आवश्यक दायित्व सौंपे। यह पखवाड़ा 2 अक्टूबर तक जारी रहेगा।


इस बार सेवा पखवाड़े में आमजन के बीच खादी के प्रचार-प्रसार और ब्रांडिंग पर खास ध्यान दिया जाएगा। खादी की खरीद-बिक्री के लिए उपयुक्त मंच उपलब्ध कराने के साथ-साथ इसका व्यापक प्रसार भी सुनिश्चित किया जाएगा। इसके अतिरिक्त, स्थानीय उत्पादों और स्व-सहायता समूहों द्वारा तैयार सामग्री के लिए प्रदर्शनियां और मेले आयोजित किए जाएंगे।

सेवा पखवाड़े में होगी यह गतिविधियां

सेवा पखवाड़े के दौरान रक्तदान शिविर आयोजित किए जाएंगे और प्रधानमंत्री के कार्यक्रम का लाइव प्रसारण सुनिश्चित करने के लिए एलईडी स्क्रीन लगाई जाएंगी। साथ ही स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन किया जाएगा और नगर निकायों व पंचायत क्षेत्रों में स्वच्छता अभियान चलाया जाएगा। “एक पेड़ मां के नाम” और “एक बगिया मां के नाम” जैसी पहलों के तहत वृक्षारोपण भी किया जाएगा।

भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, उज्जैन, रीवा, रतलाम और सागर में नमो मैराथन का आयोजन होगा। इसके अलावा, 27 और 28 सितंबर को कलेक्टरों की निगरानी में सामाजिक न्याय विभाग द्वारा दिव्यांगजन के लिए जिले स्तर पर विशेष शिविर लगाए जाएंगे।

पीएम की सुरक्षा को लेकर अधिकारियों ने की बैठक

17 सितंबर को धार के भैंसोला में पीएम मित्रा पार्क की आधारशिला रखने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आगमन को लेकर शुक्रवार को हाई लेवल सुरक्षा बैठक हुई। इस बैठक में मुख्य सचिव अनुराग जैन ने गृह विभाग के साथ सुरक्षा तैयारियों पर चर्चा की। उन्होंने गृह विभाग के एसीएस शिवशेखर शुक्ला और डीजीपी कैलाश मकवाना को कई सुधारात्मक निर्देश दिए, जिसमें सुरक्षा व्यवस्था और आमजन की आवाजाही को स्पष्ट करने के साथ बिंदुवार निगरानी सुनिश्चित करने पर जोर दिया गया।