वैदिक ज्योतिष में ग्रह-नक्षत्र और उनकी चाल का जीवन पर गहरा प्रभाव माना जाता है। नौ ग्रहों में मंगल को सेनापति की उपाधि दी गई है, जो साहस, पराक्रम और ऊर्जा के कारक हैं। यह ग्रह लगभग हर 45 दिन में राशि परिवर्तन करता है। वर्तमान समय में मंगल कन्या राशि में विराजमान हैं और 13 सितंबर को तुला राशि में प्रवेश करेंगे।
इसके साथ ही 24 सितंबर को मन के अधिपति चंद्रमा भी तुला में प्रवेश करेंगे। इस स्थिति में मंगल और चंद्रमा की युति से महालक्ष्मी राजयोग का निर्माण होगा, जिसका प्रभाव 26 सितंबर तक दिखाई देगा। इसके पश्चात चंद्रमा वृश्चिक राशि में प्रवेश कर जाएंगे।
किन राशियों को होगा विशेष लाभ
तुला राशि
इस समय तुला राशि के जातकों के लिए यह योग बेहद शुभ संकेत लेकर आएगा। वैवाहिक जीवन में सामंजस्य और आनंद बढ़ेगा। परिवार और दोस्तों के साथ खुशनुमा पल बिताने का अवसर मिलेगा। समाज में मान-सम्मान की वृद्धि होगी और आत्मविश्वास दोगुना रहेगा। अविवाहित जातकों को विवाह के प्रस्ताव मिल सकते हैं। सेहत में सुधार होगा और करियर में सफलता के नए द्वार खुलेंगे। यह अवधि पारिवारिक सुख और व्यक्तिगत उन्नति के लिए बेहद लाभकारी साबित होगी।
सिंह राशि
सिंह राशि के जातकों के लिए भी यह योग सकारात्मक परिणाम देगा। करियर में नए प्रोजेक्ट्स और अवसर मिलने की संभावना है। इस अवधि में वाहन खरीदने या किसी बड़े निवेश की योजना सफल हो सकती है। आर्थिक स्थिति मजबूत होगी और समाज में सम्मान के साथ प्रशंसा भी बढ़ेगी। नौकरी बदलने या नई जिम्मेदारियाँ मिलने के योग बन रहे हैं। लंबे सफर और यात्राओं का अवसर मिलेगा। भौतिक सुखों की प्राप्ति होगी और आय के नए स्रोत खुलेंगे। मानसिक शांति का अनुभव होगा और रुके हुए कार्यों में प्रगति होगी।
मकर राशि
मकर राशि वालों के लिए भी यह समय बेहद फलदायी रहेगा। नौकरीपेशा लोगों को नई नौकरी या पदोन्नति के मौके मिल सकते हैं। व्यापार में विस्तार और लाभ होगा। हर क्षेत्र में सफलता मिलने की संभावना रहेगी। आर्थिक स्थिति पहले से बेहतर होगी और कर्ज से मुक्ति मिल सकती है। परिवार और जीवनसाथी के साथ मधुर संबंध बने रहेंगे, जिससे मानसिक संतोष मिलेगा।
कब बनता है महालक्ष्मी राजयोग?
ज्योतिष शास्त्र में कहा गया है कि जब जन्म कुंडली में मंगल और चंद्रमा एक साथ विराजमान होते हैं, तो महालक्ष्मी योग का निर्माण होता है। यदि यह युति द्वितीय, नवम, दशम या एकादश भाव में हो तो जातक को अपार धन और समृद्धि प्राप्त होती है। यह योग व्यक्ति को ऐश्वर्य, मान-सम्मान और सुख-सुविधाओं से परिपूर्ण बना देता है। माना जाता है कि इस योग से मां लक्ष्मी की विशेष कृपा बरसती है और जीवन में उन्नति के द्वार खुलते हैं।
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