मध्यप्रदेश पुलिस महकमे में कई महीनों से लंबित तबादलों की सूची का इंतजार आखिरकार सोमवार की देर रात खत्म हो गया। लंबे अरसे के बाद राज्य सरकार ने एक ही दिन में दो चरणों में तबादलों के आदेश जारी किए। पहले चरण में 20 पुलिस अधिकारियों के तबादले शाम को घोषित किए गए, वहीं आधी रात के बाद गृह विभाग ने दूसरी सूची जारी करते हुए 30 और अधिकारियों को इधर-उधर किया। इस तरह कुल 50 पुलिस अधिकारियों की जिम्मेदारियां बदल दी गईं।
मंत्री विजय शाह मामले की एसआईटी से जुड़े अधिकारी का तबादला
इस सूची में सबसे ज्यादा चर्चा जिस नाम की हो रही है, वह है 2010 बैच के आईपीएस अधिकारी कल्याण चक्रवर्ती का। वे मंत्री विजय शाह से जुड़े प्रकरण की विशेष जांच दल (SIT) का हिस्सा थे। कुछ महीने पहले ही उन्हें डीआईजी रेंज छिंदवाड़ा भेजा गया था, लेकिन अब मात्र तीन माह बाद ही उन्हें पुलिस मुख्यालय वापस बुला लिया गया है। जानकारों का कहना है कि जांच के बीच में इस तरह का तबादला एक महत्वपूर्ण संदेश देता है।
अन्य वरिष्ठ अधिकारियों में भी बड़ा फेरबदल
तबादला सूची में और भी कई वरिष्ठ अधिकारियों को नई जिम्मेदारी सौंपी गई है। डीआईजी रतलाम मनोज कुमार सिंह को लोकायुक्त संगठन में भेजा गया है, जबकि मुकेश कुमार को मानवाधिकार आयोग में पदस्थ किया गया है। इन नियुक्तियों से यह साफ हो गया है कि सरकार पुलिस प्रशासनिक ढांचे में बड़े पैमाने पर बदलाव कर रही है और प्रमुख पदों पर भरोसेमंद अधिकारियों को बिठा रही है।
15 जिलों के पुलिस कप्तान बदले
देर रात जारी हुई दूसरी सूची में 15 जिलों के पुलिस अधीक्षकों (SP) को बदला गया है। इससे पहले शाम को घोषित सूची में भी दो जिलों के एसपी बदले गए थे। यानी एक ही दिन में कुल 17 जिलों की पुलिस की कमान नए अधिकारियों को सौंप दी गई। पुलिस कप्तानों में इस स्तर का फेरबदल प्रदेश में कानून-व्यवस्था की स्थिति को मजबूत करने और प्रशासनिक कामकाज को गति देने के लिए अहम माना जा रहा है।
सरकार की “प्रशासनिक सर्जरी”
मोहन सरकार ने गृह विभाग में देर रात यह “बड़ी प्रशासनिक सर्जरी” की है। सूत्रों के अनुसार, यह फेरबदल लंबे समय से प्रस्तावित था, जिसे अब जाकर अमल में लाया गया। हालांकि चर्चाएं यह भी हैं कि अभी कुछ और जिलों और विभागों में बदलाव हो सकता है। इस कदम को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आगामी दौरे से जोड़कर भी देखा जा रहा है। बताया जा रहा है कि पीएम के आगमन से पहले प्रदेश सरकार ने कड़े प्रशासनिक इंतजाम सुनिश्चित करने के लिए यह बदलाव किए हैं।