शहडोल जिले में सरकारी धन के अनियमित और अनुचित उपयोग की घटनाएँ लगातार उजागर हो रही हैं। बिना ठोस कार्रवाई के यह प्रवृत्ति रुकने का नाम नहीं ले रही। पहले दो फोटोकॉपी के लिए 4,000 रुपये खर्च किए गए, इसके बाद ईंट खरीद में बड़ा घोटाला हुआ और अब बूंदी व समोसे पर लगभग 70,000 रुपये के बिल ने प्रशासन की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
दरअसल, यह ताज़ा मामला जनपद पंचायत गोहपारू की ग्राम पंचायत रामपुर से संबंधित है। सोशल मीडिया पर सामने आए बिलों के अनुसार, केवल दो महीने में पांच बिलों के ज़रिए बूंदी और समोसे पर लगभग 66,950 रुपये खर्च किए गए। इसके साथ ही आंगनबाड़ी के लिए कुकर, कुर्सी, गिलास और चिमटे जैसी सामग्री पर तीन और बिलों के माध्यम से करीब 53,000 रुपये का भुगतान किया गया।
ग्राम पंचायत रामपुर के निवासियों ने शासन-प्रशासन से वायरल हो रहे बिलों की जांच की मांग की है। इसी बीच, बिल जारी करने वाले होटल संचालक अब्दुल अली का कहना है कि वह रोजाना कई बिल तैयार करते हैं, ऐसे में किस बिल की बात हो रही है, यह केवल दस्तावेज देखने के बाद ही साफ हो पाएगा।
पिछले मामलों में भी कार्रवाई अधूरी
आपको बता दें कि यह मामला पहला नहीं है। इससे पहले भी जयसिंहनगर और बुढ़ार की ग्राम पंचायतों में बिलों के भुगतान में बड़े पैमाने पर गड़बड़ियां सामने आ चुकी हैं। जयसिंहनगर की ग्राम पंचायत कुदरी में तो केवल दो फोटोकॉपी के लिए ही 4,000 रुपये का भुगतान किया गया था।
बुढ़ार जनपद पंचायत की भठिया ग्राम पंचायत में आंगनबाड़ी भवन निर्माण हेतु 2,500 ईंटों के बदले 1,25,000 रुपये का बिल पास किया गया। इस पर सीईओ जिला पंचायत सौम्या आनंद ने दोनों मामलों में संबंधित सरपंच और सचिव को नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा था। साथ ही एसडीएम और जनपद पंचायत के सीईओ को जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश भी दिए गए थे।
जांच पूरी होते ही शुरू होगी कार्रवाई
जनपद सीईओ गोहपारू सुधीर दिनकर ने बताया कि उन्हें इस अनियमितता की जानकारी हाल ही में प्राप्त हुई है। उन्होंने कहा कि प्रकरण की जांच कराई जाएगी और आवश्यक वैधानिक कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।