मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शुक्रवार शाम समत्व भवन स्थित मुख्यमंत्री निवास पर वरिष्ठ अधिकारियों के साथ सिंहस्थ 2028 की तैयारियों को लेकर चर्चा की। उन्होंने बताया कि इस आयोजन की व्यवस्थाओं पर बीते मंगलवार को भी विस्तृत बैठक हो चुकी है और संवाद व समीक्षा की प्रक्रिया लगातार जारी रहेगी। सभी विभागों को अपनी-अपनी जिम्मेदारियाँ स्पष्ट रूप से सौंप दी गई हैं, जिनकी नियमित निगरानी भी की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सिंहस्थ 2028 एक प्रतिष्ठा का आयोजन है, जिसके लिए उज्जैन में हुए पिछले दो सिंहस्थ (2004 और 2016) के दौरान कार्यरत वरिष्ठ प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारियों के अनुभव का उपयोग किया जाएगा। साथ ही प्रयागराज महाकुंभ की व्यवस्थाओं का भी गहन अध्ययन किया गया है। सरकार का उद्देश्य है कि सिंहस्थ 2028 श्रद्धालुओं के लिए सुरक्षित, सुविधाजनक और बेहतर व्यवस्थाओं वाला आयोजन साबित हो, जिसमें आवास, भोजन, यातायात और आपदा प्रबंधन की उत्कृष्ट व्यवस्था प्रस्तुत की जा सके।
मुख्यमंत्री ने बताया कि सिंहस्थ की तैयारियों में केंद्र सरकार के विभिन्न विभागों से भी अपेक्षित सहयोग प्राप्त हो रहा है। हाल ही में प्रदेश के कई रेल मंडल प्रबंधकों ने उनसे मुलाकात कर श्रद्धालुओं की सुविधा हेतु रेल सेवाओं के विस्तार और उपलब्धता की जानकारी साझा की है।
उन्होंने कहा कि घाटों के निर्माण और उनके आसपास आवश्यक सुविधाओं के विकास पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है, ताकि श्रद्धालुओं का स्नान सरल और सहज ढंग से संपन्न हो सके। इसके साथ ही पर्यटन विभाग और निजी क्षेत्र की ओर से होटल व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी, वहीं पुलिस और अन्य विभागीय अधिकारियों के लिए ठहरने की व्यवस्था भी की जाएगी।
अधिकारियों को दिए अहम निर्देश
- विदेशों में सिंहस्थ से संबंधित सांस्कृतिक गतिविधियों की योजना को अंतिम रूप दिया जाए।
- विभिन्न देवस्थानों के परिसरों के विकास कार्य शीघ्र प्रारंभ किए जाएं।
- अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित किए जाएं।
- आयोजन के दौरान सुरक्षा व्यवस्था में आधुनिक तकनीकों का प्राथमिकता से प्रयोग किया जाए।
- अनुभवी अधिकारियों के मार्गदर्शन और सेवाओं का लाभ लिया जाए।
- सिंहस्थ से जुड़े कार्यों की नियमित और निरंतर समीक्षा सुनिश्चित की जाए तथा विभागवार बैठकें आयोजित हों।
- भीड़ प्रबंधन के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के उपयोग पर आवश्यक अध्ययन किया जाए।