बाराबंकी के श्री रामस्वरूप मेमोरियल यूनिवर्सिटी के बाहर बिना मान्यता प्राप्त एलएलबी कोर्स का विरोध कर रहे एबीवीपी कार्यकर्ताओं पर बर्बर लाठीचार्ज करने वाले चौकी इंचार्ज, दो मुख्य आरक्षी और एक सिपाही को निलंबित कर दिया गया है। इस घटना की जांच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर आईजी अयोध्या रेंज प्रवीण कुमार को सौंपी गई थी। उन्होंने बुधवार रात अपनी अंतरिम रिपोर्ट डीजीपी राजीव कृष्ण को सौंप दी। रिपोर्ट में दोषी पाए गए पुलिसकर्मियों के खिलाफ आईजी की संस्तुति पर एसपी बाराबंकी ने निलंबन की कार्रवाई की।
चौकी इंचार्ज और तीन पुलिसकर्मी निलंबित
सूत्रों के अनुसार, आईजी रेंज ने लाठीचार्ज की घटना से जुड़ी वीडियो फुटेज की जांच में चौकी इंचार्ज गजेंद्र विक्रम सिंह, मुख्य आरक्षी पवन यादव व सौरभ सिंह और सिपाही विनोद यादव को एबीवीपी कार्यकर्ताओं पर अत्यधिक बल प्रयोग का दोषी पाया। उनकी निलंबन की संस्तुति की गई थी, जिस पर कार्रवाई हुई। अधिकारियों का कहना है कि फिलहाल सीओ सिटी हर्षित चौहान और इंस्पेक्टर बाराबंकी कोतवाली आरके राणा की भूमिका की भी जांच चल रही है। जांच पूरी होने पर आईजी रेंज अंतिम रिपोर्ट मुख्यालय को सौंपेंगे।
सीएम के आदेश पर सीओ हटाए गए
गौरतलब है कि घटना के बाद मुख्यमंत्री ने कठोर रुख अपनाते हुए सीओ को हटाने का आदेश दिया था, वहीं इंस्पेक्टर और चौकी इंचार्ज को लाइन हाजिर कर दिया गया था। साथ ही, विश्वविद्यालय द्वारा बिना मान्यता एलएलबी कोर्स संचालित करने के मामले की जांच मंडलायुक्त अयोध्या को सौंपी गई थी। बुधवार देर रात आईजी रेंज और मंडलायुक्त की रिपोर्ट आने के बाद विश्वविद्यालय प्रबंधन के खिलाफ बाराबंकी कोतवाली में मुकदमा भी दर्ज कराया गया।
छात्रों को उकसाने का प्लान हुआ उजागर
इस प्रकरण में छात्रों का कहना है कि उन्होंने यूनिवर्सिटी का गेट बंद कर केवल फैकल्टी और स्टाफ की आवाजाही रोकी थी, छात्राओं को रोकने का प्रयास नहीं किया गया। इसी दौरान सीओ सिटी हर्षित चौहान मौके पर पहुंचे, लेकिन मान्यता से जुड़े सवालों पर संतोषजनक जवाब न मिलने के कारण छात्र पीछे हटने को तैयार नहीं हुए। खींचतान के बीच अचानक करीब 4:03 बजे यूनिवर्सिटी गेट के भीतर से कुछ लोग बाहर निकले और गार्डों के डंडे छीनकर छात्रों पर हमला कर दिया। लगभग 21 मिनट तक चले इस घटनाक्रम में कौन-कौन शामिल रहा, हमला किसने किया और माहौल भड़काने की साजिश किसने रची—यह अब भी बड़ा सवाल बना हुआ है।
लाठीचार्ज प्रकरण में अब तक सीओ, कोतवाल, चौकी इंचार्ज और एक सिपाही को हटाया जा चुका है। जांच में दो अन्य सिपाही भी चिन्हित हुए हैं, जिनकी भूमिका की जांच जारी है। दोषी साबित होने पर उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।