सीएम योगी का संकल्प, 2047 तक विकसित राज्यों की श्रेणी में होगा यूपी

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By Abhishek SinghPublished On: September 4, 2025

सीएम योगी लोक भवन सभागार में आयोजित “समर्थ उत्तर प्रदेश – विकसित उत्तर प्रदेश @2047” अभियान के शुभारंभ और कार्यशाला में अपने विचार साझा कर रहे थे। इस संबोधन में उन्होंने जनता से कहा कि भारत और उत्तर प्रदेश का भविष्य हमारी सोच और प्रतिबद्धता से तय होगा। उन्होंने जोर देकर कहा कि युवाओं को उसी दिशा में मार्गदर्शन और तैयारी दी जानी चाहिए, जिस लक्ष्य की ओर हम बढ़ना चाहते हैं। हमारे दृष्टिकोण में यह साफ झलकना चाहिए कि हम किस प्रकार का भारत और उत्तर प्रदेश चाहते हैं।


मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘समर्थ उत्तर प्रदेश’ पोर्टल का उद्घाटन किया। यह पोर्टल प्रदेशवासियों को अपने सुझाव साझा करने का मंच उपलब्ध कराएगा, जिनका समावेश 12 प्रमुख क्षेत्रों—कृषि, पशुधन संरक्षण, औद्योगिक विकास, आईटी और टेक्नोलॉजी, पर्यटन, शहरी एवं ग्रामीण विकास, आधारभूत ढांचा, संतुलित विकास, सामाजिक कल्याण, स्वास्थ्य, शिक्षा, सुरक्षा और सुशासन—से जुड़े विज़न डॉक्यूमेंट में किया जाएगा। यह विज़न डॉक्यूमेंट “अर्थ शक्ति, सृजन शक्ति और जीवन शक्ति” थीम पर आधारित है। कार्यशाला में प्रशासन, पुलिस, वन सेवा, कृषि, शिक्षा, स्वास्थ्य सहित विभिन्न क्षेत्रों के 400 से अधिक सेवानिवृत्त अधिकारी और प्रबुद्धजन शामिल हुए।

आठवीं से दूसरी अर्थव्यवस्था तक का सफर

सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आज़ादी के बाद 1947 से लेकर 1960 तक उत्तर प्रदेश का राष्ट्रीय जीडीपी में योगदान 14 प्रतिशत था, जो 2016-17 तक घटकर 8 प्रतिशत रह गया और प्रदेश देश की आठवीं अर्थव्यवस्था बनकर रह गया। लेकिन बीते आठ वर्षों में इस स्थिति को बदलते हुए निराशा को उत्साह में बदला गया है। आज यूपी देश की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होने के साथ-साथ सबसे तेज़ी से उभरती अर्थव्यवस्था के रूप में पहचान बना चुका है। उन्होंने कहा कि प्रकृति और ईश्वर की कृपा से प्रदेश के पास सब कुछ उपलब्ध है, जरूरत केवल मजबूत संकल्प की है।

कार्यशाला को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यह अभियान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत के संकल्प का अभिन्न हिस्सा है। उन्होंने स्पष्ट किया कि “विकसित भारत–विकसित उत्तर प्रदेश” शताब्दी संकल्प अभियान के तहत प्रदेश सरकार लगातार प्रयासरत है। इस पहल में 25 करोड़ जनता की सहभागिता सुनिश्चित की जानी है। सीएम योगी ने प्रबुद्धजनों से आग्रह किया कि वे युवाओं को जागरूक और प्रोत्साहित करने में सहयोग दें। उन्होंने कहा कि रिटायर होना थक जाना नहीं होता, बल्कि आपके अनुभव से इस अभियान को नई दिशा और गति मिलेगी।

25 करोड़ जनता की होगी सक्रिय भागीदारी

कार्यशाला के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यह अभियान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत के संकल्प का अहम हिस्सा है। उन्होंने बताया कि “विकसित भारत–विकसित उत्तर प्रदेश” शताब्दी संकल्प अभियान को सफल बनाने के लिए प्रदेश सरकार निरंतर कार्य कर रही है। इस अभियान में 25 करोड़ लोगों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी। सीएम योगी ने प्रबुद्धजनों से युवाओं को जागरूक और प्रेरित करने में सहयोग देने की अपील की। उन्होंने कहा कि रिटायरमेंट का मतलब निष्क्रियता नहीं है, बल्कि आपका अनुभव इस अभियान को नई ऊर्जा और गति प्रदान करेगा।

विकसित यूपी के लिए योगी का विज़न

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बताया कि अभियान की शुरुआत पहले चरण में प्रबुद्धजनों और शैक्षणिक संस्थानों में आयोजित गोष्ठियों से होगी। इसके बाद इसमें प्रदेश सरकार के मंत्री, सांसद, विधायक और केंद्रीय मंत्री भी सहभागिता करेंगे। हर ग्राम पंचायत और नगर निकाय के वार्ड स्तर पर संकल्प लिया जाएगा। सुझाव प्राप्त करने के लिए QR कोड की व्यवस्था होगी, जिसके माध्यम से शॉर्ट, मीडियम और लॉन्ग टर्म योजनाओं पर सुझाव लिए जाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि विधानसभा में सतत विकास लक्ष्यों पर 36 घंटे और विकसित उत्तर प्रदेश पर 27 घंटे तक गहन चर्चा हुई, जिसमें सभी राजनीतिक दलों ने हिस्सा लिया। उन्होंने उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य का उल्लेख करते हुए कहा कि विकसित भारत की नींव विकसित परिवार और गांव से ही रखी जा सकती है।

सकारात्मक दृष्टिकोण से ही संभव है समृद्धि

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रख्यात वैज्ञानिक जगदीश चंद्र बोस के प्रयोग का उल्लेख करते हुए कहा कि विकास की दिशा मनोदशा पर निर्भर करती है। बोस ने दो पौधों पर परीक्षण किया—एक को प्रेरित किया गया तो वह विशाल वृक्ष के रूप में विकसित हुआ, जबकि दूसरे को उपेक्षित किया गया तो वह मुरझा गया। सीएम ने कहा कि यह सिद्धांत केवल पौधों पर ही नहीं, बल्कि संपूर्ण जीव जगत पर लागू होता है। इंसान तो ईश्वर की सर्वोत्तम रचना है। उत्तर प्रदेश और भारत की स्थिति भी कुछ ऐसी ही रही—नकारात्मक सोच से निराशा बढ़ी, जबकि अब वातावरण उत्साह और सकारात्मकता से भरा है।