मध्यप्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर से बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन तक एक नया ग्रीन फील्ड 4-लेन मार्ग बनाया जाएगा। यह हाईवे कुल 48.10 किलोमीटर लंबा होगा और इसे “इंदौर-उज्जैन ग्रीन फील्ड एक्सेस कंट्रोल रोड” नाम दिया गया है। इस मार्ग का निर्माण क्षेत्र के विकास, सुगम यात्रा और सिंहस्थ जैसे बड़े आयोजनों को ध्यान में रखते हुए किया जा रहा है।
स्वीकृति और मॉडल में बदलाव
इस परियोजना को वर्ष 2024 में राज्य सरकार ने मंजूरी दी थी और तब इसे पीपीपी (पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप) मॉडल पर बनाया जाना था। लेकिन हाल ही में सरकार ने उस पुरानी स्वीकृति को रद्द कर दिया है और अब यह परियोजना हाइब्रिड एन्यूटी मॉडल (HAM) पर बनाई जाएगी। इस मॉडल में सरकार कुल लागत का 40 प्रतिशत खर्च वहन करेगी जबकि शेष राशि निजी कंपनी को लगानी होगी। टोल वसूली का निर्णय सरकार अपने स्तर पर लेगी।
लागत और विशेषताएं
इंदौर-उज्जैन ग्रीन फील्ड मार्ग की कुल लागत 2 हजार 935 करोड़ 15 लाख रुपए अनुमानित की गई है। इसमें जमीन अधिग्रहण की राशि और निर्माण लागत दोनों शामिल हैं। इस हाईवे में 34 अंडरपास, 2 फ्लाईओवर, 1 रेलवे ओवरब्रिज (ROB), 7 मध्यम आकार के पुल और 2 बड़े जंक्शन बनाए जाएंगे। साथ ही, इसमें पेव्हड शोल्डर और दोनों ओर दो-दो लेन की सर्विस रोड भी होंगी, जिससे आवागमन और भी आसान होगा।
नर्मदापुरम-टिमरनी मार्ग का निर्माण
कैबिनेट बैठक में एक और महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है जिसके तहत नर्मदापुरम से टिमरनी तक 72.18 किलोमीटर लंबा 2-लेन मार्ग भी बनाया जाएगा। यह सड़क भी हाइब्रिड एन्यूटी मॉडल पर तैयार की जाएगी। इस परियोजना के तहत 2 अंडरपास, 4 बड़े पुल, 37 मध्यम पुल, 14 बड़े जंक्शन और 52 अन्य मध्यम स्तर के निर्माण किए जाएंगे। इसके लिए कुल 972 करोड़ 16 लाख रुपए खर्च किए जाएंगे। इस मार्ग से क्षेत्र के लोगों को आवागमन में काफी सुविधा होगी।
उज्जैन में नया ओवरब्रिज
सिंहस्थ 2028 को देखते हुए उज्जैन में भी एक बड़ी परियोजना को मंजूरी दी गई है। शहर के हरिफाटक चौराहे से नीलकंठ तक 980 मीटर लंबा नया 4-लेन ओवरब्रिज बनाया जाएगा। इस ब्रिज की लागत लगभग 371.11 करोड़ रुपए होगी। इसके निर्माण से सिंहस्थ के दौरान यातायात दबाव कम होगा और शहर में वाहनों की आवाजाही बेहतर तरीके से हो सकेगी।
लोगों को मिलेगा बड़ा लाभ
इन सभी परियोजनाओं के पूरा हो जाने पर इंदौर से उज्जैन तक का सफर बेहद आसान और समय बचाने वाला हो जाएगा। इसके साथ ही नर्मदापुरम-टिमरनी मार्ग और उज्जैन ओवरब्रिज से क्षेत्र के निवासियों को भी आधुनिक यातायात सुविधाएं मिलेंगी। यह परियोजनाएं मध्यप्रदेश के सड़क ढांचे को और मजबूत बनाएंगी और आने वाले समय में व्यापार, पर्यटन व धार्मिक यात्राओं को नई गति देंगी।