भारत में गणेश चतुर्थी का पर्व हर साल बड़े उल्लास और भक्ति भाव से मनाया जाता है। देश के अलग-अलग हिस्सों में इसकी अलग परंपराएं देखने को मिलती हैं। पश्चिमी राज्यों जैसे महाराष्ट्र और गुजरात में यह उत्सव पूरे 10 दिनों तक चलता है। वहीं पूर्वी भारत में 2 से 3 दिनों तक गणेश पूजन किया जाता है और फिर विसर्जन के साथ गणपति बप्पा को विदाई दी जाती है।
इन दिनों में पूरा वातावरण भक्तिमय हो जाता है। गली-मोहल्लों में सजे भव्य पंडाल और घरों में विराजमान गणेश प्रतिमाएं इस त्योहार को और खास बना देती हैं।
भगवान गणेश का महत्व
सनातन परंपरा में भगवान गणेश को विघ्नहर्ता माना जाता है। मान्यता है कि वे अपने भक्तों के जीवन से हर प्रकार की बाधा और संकट दूर करते हैं। साथ ही वे बुद्धि, विवेक और समृद्धि के देवता भी हैं। इसी कारण गणेश चतुर्थी से लेकर अनंत चतुर्दशी तक उनका पूजन विशेष फलदायी माना जाता है।
अनंत चतुर्दशी
भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को अनंत चतुर्दशी कहा जाता है। इसी दिन गणेश उत्सव का समापन होता है। इस साल अनंत चतुर्दशी 6 सितंबर, शनिवार को पड़ रही है। परंपरा के अनुसार, इस दिन दो विशेष अनुष्ठान किए जाते हैं – भगवान विष्णु के अनंत रूप की पूजा और गणेश विसर्जन।
पूरे देश में “गणपति बप्पा मोरया” के जयकारों के बीच भक्त गणपति को विदाई देते हैं। विसर्जन से पहले गणेश जी की अंतिम पूजा और आरती होती है। इसके बाद ढोल-नगाड़ों की धुन पर झूमते हुए श्रद्धालु उन्हें जल में समर्पित करते हैं।
विसर्जन का शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार इस वर्ष गणेश विसर्जन का पहला शुभ समय सुबह 7:36 से 9:10 बजे तक रहेगा। इसके अलावा दोपहर और शाम को भी शुभ मुहूर्त उपलब्ध रहेगा। श्रद्धालु अपनी सुविधा अनुसार किसी भी समय बप्पा को विदा कर सकते हैं।
बन रहे विशेष योग
ज्योतिषीय दृष्टि से देखा जाए तो इस साल 6 सितंबर को विसर्जन के दिन कई शुभ संयोग बनेंगे। खासकर सुकर्मा और रवि योग। मान्यता है कि इन योगों में गणेश पूजा करने से साधक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और घर में सुख-समृद्धि का आगमन होता है।
दान-पुण्य का महत्व
- गणेश विसर्जन के दिन दान करने की परंपरा बेहद प्राचीन और फलदायी मानी जाती है।
- हरी सब्जियां, मौसमी फल और पान के पत्ते दान करने से बुध ग्रह मजबूत होते हैं।
- चावल, मूंग दाल और तेल से भंडारा आयोजित करना शुभ माना जाता है। खिचड़ी बनाकर बांटना भी पुण्यकारी है।
- आटा, चीनी, नमक और मैदा जैसी वस्तुएं दान करने से शुक्र ग्रह प्रसन्न होते हैं।
- हल्दी, बेसन, केला और पपीता का दान करने से करियर में नए अवसर और सफलता मिलती है।
अनंत चतुर्दशी के दिन मोहल्लों में सजी झांकियां, ढोल-नगाड़ों की गूंज और भक्तों की आंखों में आंसुओं के साथ गणपति का विसर्जन होता है। कहीं छोटे तालाबों में तो कहीं बड़ी नदियों और झीलों में प्रतिमाओं का जल में समर्पण किया जाता है। श्रद्धालु मानते हैं कि बप्पा भले ही सालभर के लिए विदा हो जाते हैं, लेकिन उनकी कृपा और आशीर्वाद सदैव बने रहते हैं।
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