इंदौर की स्थानीय डिस्टिलरी जेके एंटरप्राइजेज ने वैश्विक दिग्गज पर्नो रिकर्ड के खिलाफ ‘द बैटल ऑफ प्राइड’ के विवाद में उच्चतम न्यायालय में ऐसी जीत अर्जित की, जिसे भारतीय उद्यमशीलता की जीत के रूप में याद किया जाएगा और अन्य समरूप विवादों में नज़ीर बनेगा।
पर्नो रिकर्ड, ब्लेंडर्स प्राइड के निर्माता हैं और 200 से अधिक ब्रांडों के साथ वाइन और स्पिरिट्स व्यवसाय के दुनिया के नंबर 2 विक्रेता हैं। 2020 में, पर्नो रिकर्ड ने जेके एंटरप्राइज के प्रमुख ब्रांड लंदन प्राइड के विरुद्द इंदौर जिला न्यायालय में एक दीवानी मुकदमा दायर किया, जिसमें आरोप लगाया गया कि लंदन प्राइड ने ब्लेंडर्स प्राइड नामक उसके ट्रेडमार्क का उल्लंघन किया है और व्हिस्की ब्रांड के रूप में लंदन प्राइड को बाज़ार से हटाने की मांग की गई।
अपने ब्रांड की मौलिकता और अपने ब्रांड में दृढ़ विश्वास के साथ, जेके एंटरप्राइजेज ने इंदौर जिला न्यायालय में मुकदमा लड़ा और जीत हासिल की। इस फैसले को पर्नो रिकर्ड ने मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय में चुनौती दी। माननीय मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने भी जेके एंटरप्राइजेज के पक्ष में फैसला सुनाया और लंदन प्राइड को एक ब्रांड के रूप में काम करने का अधिकार दिया।
अपने विरुद्ध फैसला सुनाए जाने से अनअभ्यस्त, पर्नो रिकर्ड ने उच्च न्यायालय के फैसले पर रोक लगाने की मांग करते हुए, माननीय सर्वोच्च न्यायालय में मुकदमा दायर किया।
जेके एंटरप्राइजेज ने लंदन प्राइड ब्रांड का बचाव करने की ठानी और इस मामले को सर्वोच्च न्यायालय में पूरी लगन से आगे बढ़ाते हुए पाँच साल लंबी कानूनी लड़ाई लड़ी।
14 अगस्त 2025 को सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की पीठ ने उच्च न्यायालय के फैसले को बरकरार रखते हुए कहा कि ‘प्राइड’ शब्द किसी एक कंपनी का नहीं है और लंदन प्राइड किसी भी तरह से ब्लेंडर्स प्राइड के ट्रेडमार्क का उल्लंघन नहीं करता है। इस ऐतिहासिक फैसले का तात्पर्य था कि ‘प्राइड’ जैसे शब्द का उपयोग एक सामान्य अभिव्यक्ति है, जिसका प्रयोग स्वतंत्र रूप से किया जा सकता है।
इस अवसर पर बोलते हुए, जेके एंटरप्राइजेज की निदेशक सुश्री सलोनी छाबड़ा ने कहा, “यह केवल जेके की ही जीत नहीं है, बल्कि हर उस भारतीय उद्यमी की जीत है जो सपने देखने की हिम्मत रखता है। हम एक वैश्विक महाशक्ति के खिलाफ मजबूती से खड़े रहे और आज न्याय की जीत हुई है। पर्नो रिकर्ड जैसे वैश्विक समूह आदतन स्थानीय भारतीय ब्रांडों को दबा कर अपने पक्ष में बाजार खाली करने के लिए मजबूर कर देते हैं। स्थानीय निर्माताओं के पास उपलब्ध संसाधनों को देखते हुए, अधिकांश को कानूनी लड़ाई लड़ना अपने व्यावसायिक हितों के विपरीत लगता है। हालाँकि, इस प्रक्रिया में सामान्य न्याय की बलि चढ़ती आयी है।
जेके एंटरप्राइजेज मुकदमे का सामना करने और लंदन प्राइड ब्रांड नाम का उपयोग करने के अपने अधिकार को बनाए रखने के लिए कटिबद्ध था। अपने निर्णय द्वारा न्याय सुनिश्चित करने के लिए हम समस्त माननीय न्यायालयों के आभारी हैं।
हमारा मानना है कि यह फैसला स्थानीय निर्माताओं को वैश्विक दिग्गजों के दबाव में आए बिना अपने ब्रांड बनाने, उनका विपणन करने और उनकी रक्षा करने के लिए प्रोत्साहित करेगा। हमारा मानना है कि यह निर्णय वैश्विक समूहों को नियमों के अनुसार व्यवसाय करने के लिए बाध्य करेगा।