लखनऊ स्थित इंदिरा गाँधी प्रतिष्ठान में आयोजित तीन दिवसीय रोजगार महाकुंभ का सीएम योगी ने उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि युवा अपार ऊर्जा और संभावनाओं के प्रतीक हैं। विश्व की सबसे बड़ी युवा आबादी भारत में है और इनमें सबसे अधिक संख्या उत्तर प्रदेश की है। उन्होंने कहा कि अवसर मिलने पर प्रदेश के युवाओं ने अपनी प्रतिभा को सिद्ध किया है, यही कारण है कि आज उनकी मांग वैश्विक स्तर पर बढ़ी है। रोजगार देने वाली कंपनियां और प्रदेश के युवा अब एक ही मंच पर साथ आ रहे हैं।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में पिछले आठ वर्षों में किए गए प्रयासों का असर अब साफ दिखाई दे रहा है। पहले जहां पूरे-पूरे गांव रोजगार की तलाश में बाहर पलायन कर जाते थे, वहीं आज लोगों को अपने ही प्रदेश में काम के अवसर मिल रहे हैं। गांव अब रोजगार के नए केंद्र बन रहे हैं। जिन औद्योगिक इकाइयों को पहले इंस्पेक्टर राज और अनावश्यक हस्तक्षेप के चलते बंद करना पड़ा था, उनकी संख्या अब बढ़कर 96 लाख तक पहुंच गई है। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि कोरोना काल ने लघु एवं कुटीर उद्योगों की असली ताकत को सामने लाकर साबित कर दिया।
कोरोना काल में ओडीओपी और कुटीर उद्योग बने सहारा
वन डिस्ट्रिक वन प्रोडक्ट (ODOP) और लघु व कुटीर उद्योगों की ताकत का एहसास प्रदेश ने कोरोना के दौर में किया। कोरोना के दौरान करीब 40 लाख मजदूर प्रदेश वापस लौटे। ओडीओपी व एमएसएमई की मदद से उन्हें रोजगार उपलब्ध करवाया गया। आज यूपी यूपी पंजीकृत इकाइयों को पांच लाख बीमा कवर देने वाला देश का पहला राज्य है।
स्थानीय इकाइयाँ बनीं रोजगार का बड़ा स्रोत
आज प्रदेश की स्थानीय इकाइयाँ बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार उपलब्ध करा रही हैं। यही आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश की पहचान है, जो आगे चलकर विकसित प्रदेश और विकसित भारत की मजबूत नींव बनेगी। सरकार ने विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना की शुरुआत कर कारीगरों और युवाओं को प्रशिक्षण के साथ-साथ आसान ऋण की सुविधा दी। इसी तरह सीएम युवा उद्यमी योजना ने युवाओं को उद्यमिता की दिशा में आगे बढ़ने का अवसर प्रदान किया। इन सभी बदलावों की झलक बीते आठ वर्षों में देखने को मिली है।
मुख्यमंत्री योगी ने बताया कि प्रदेश में युवाओं को बड़ी संख्या में सरकारी नौकरियाँ दी गई हैं। पुलिस विभाग में 2.19 लाख पदों पर नियुक्तियाँ की गईं, वहीं शिक्षा विभाग में 1.56 लाख शिक्षकों की भर्ती हुई। सभी विभागों को मिलाकर अब तक लगभग 8.5 लाख युवाओं को रोजगार का अवसर मिला है।
प्रदेश में रोजगार सृजन को नई दिशा दे रही योगी सरकार
कार्यक्रम में संबोधन के दौरान श्रम मंत्री अनिल राजभर ने बताया कि आज़ादी से लेकर 2017 तक जितने कारखाने पंजीकृत नहीं हुए थे, उससे कहीं अधिक संख्या में उद्योग सीएम योगी के नेतृत्व में 2017 के बाद रजिस्टर्ड हुए हैं। उन्होंने कहा कि योगी सरकार युवाओं को व्यापक पैमाने पर रोजगार उपलब्ध कराने के लिए दृढ़ संकल्पित है।
रोजगार महाकुंभ में देश की प्रमुख कंपनियों के माध्यम से लगभग 50 हजार युवाओं को नौकरी के अवसर उपलब्ध कराने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसमें आठवीं पास से लेकर परास्नातक और डिप्लोमा इंजीनियरिंग धारक उम्मीदवार शामिल हो सकते हैं। सेवायोजन विभाग की निदेशक नेहा प्रकाश ने बताया कि इस आयोजन में देश और विदेश की 100 से अधिक नामी कंपनियों के प्रतिनिधि भाग लेंगे। महाकुंभ में तीन अलग-अलग मंचों के जरिए युवाओं को उनकी योग्यता के अनुरूप प्रदेश, देश और विदेश में रोजगार के अवसर प्रदान किए जाएंगे। वहीं, रोजगार कॉन्क्लेव में विशेषज्ञों और युवाओं के बीच सीधा संवाद होगा। कंपनियां मौके पर ही इंटरव्यू लेकर प्लेसमेंट ड्राइव भी करेंगी। इसके साथ ही प्रदर्शनी के जरिए प्रदेश की विकास यात्रा, औद्योगिक नीतियों और कौशल विकास मॉडल को भी प्रदर्शित किया जाएगा।