मध्य प्रदेश के धार जिले के बदनावर कस्बे से एक ऐसा मामला सामने आया है जिसने पूरे नगर को हिलाकर रख दिया है। यहां नागेश्वर मुक्तिधाम में तंत्र-मंत्र और अंधविश्वास से जुड़ा विचलित करने वाला दृश्य देखने को मिला। मृतक के अंतिम संस्कार के बाद किसी ने श्मशान से खोपड़ी निकालकर कथित तांत्रिक क्रिया की। यह घटना सामने आने के बाद स्थानीय लोग गहरी हैरानी और आक्रोश में हैं।
सड़क हादसे में युवक की मौत, हुआ अंतिम संस्कार
जानकारी के अनुसार, शनिवार को नगर के पूर्व पार्षद प्रकाश निनामा के बेटे रवि निनामा की सड़क दुर्घटना में दर्दनाक मौत हो गई थी। परिवार ने उसी दिन पूरे विधि-विधान के साथ उनका अंतिम संस्कार नागेश्वर मुक्तिधाम में किया था। सब कुछ सामान्य दिख रहा था, लेकिन अगले ही दिन जब परिजन अस्थियां लेने मुक्तिधाम पहुंचे तो उन्हें ऐसा दृश्य देखने को मिला, जिसने सभी को स्तब्ध कर दिया।
मुक्तिधाम में मिला डरावना दृश्य
रविवार को अस्थि-संग्रह के लिए पहुंचे परिवारजन देखकर दंग रह गए कि चिता स्थल पर मृतक की खोपड़ी अलग रखी हुई थी। उसके पास ही दो गिलासों में शराब, पांच कटे नींबू जिन पर सिंदूर लगा था, चावल, चिरौंजी और अन्य हड्डियां बिखरी हुई थीं। यह नजारा साफ संकेत दे रहा था कि किसी ने यहां रात में तंत्र-मंत्र की क्रियाएं की हैं। यह देखकर मृतक का परिवार रोष और सदमे में आ गया।
परिजनों का आरोप और आक्रोश
मृतक के परिजनों का कहना है कि उनके बेटे की चिता के साथ खिलवाड़ कर किसी ने काले तांत्रिक कर्म किए हैं। यह कृत्य न सिर्फ धार्मिक मान्यताओं और भावनाओं के साथ खिलवाड़ है बल्कि समाज में फैले अंधविश्वास का भयावह उदाहरण भी है। गुस्साए परिवार ने दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की और कहा कि ऐसी घटनाएं इंसानियत के नाम पर कलंक हैं।
पुलिस और प्रशासन की कार्रवाई
घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और जांच शुरू कर दी। अधिकारियों ने परिजनों को आश्वस्त किया है कि मामले की गहन छानबीन की जाएगी और दोषियों की पहचान कर उन्हें सख्त सजा दिलाई जाएगी। प्रशासन ने भी कहा है कि ऐसी घटनाओं को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और अंधविश्वासी गतिविधियों पर लगाम कसने के लिए सख्त कदम उठाए जाएंगे।
अंधविश्वास पर सवाल
यह घटना एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर करती है कि आधुनिक समाज में भी तंत्र-मंत्र और अंधविश्वास जैसी कुरीतियां किस हद तक जड़ें जमाए बैठी हैं। शिक्षित समाज में भी ऐसी घटनाएं सामने आना दर्शाता है कि जागरूकता और वैज्ञानिक दृष्टिकोण को लेकर अभी लंबा सफर तय करना बाकी है। यह मामला न केवल एक परिवार की पीड़ा को उजागर करता है बल्कि समाज के लिए चेतावनी भी है कि अंधविश्वास की मानसिकता से बाहर निकलना बेहद जरूरी है।