वैदिक ज्योतिष में ग्रहों के राजकुमार बुध को संचार, बुद्धि, तर्कशक्ति, गणित और व्यापार का कारक माना जाता है। वहीं ग्रहों के राजा सूर्य आत्मा, नेतृत्व क्षमता और पिता के प्रतीक होते हैं। बुध मिथुन और कन्या राशि के स्वामी हैं, जबकि सिंह राशि पर सूर्य का आधिपत्य है। जब ये दोनों ग्रह एक ही राशि में आते हैं तो एक विशेष योग का निर्माण होता है, जिसे बुधादित्य राजयोग कहा जाता है।
इस समय सूर्य और बुध सिंह राशि में स्थित हैं। 15 सितंबर को बुध और 17 सितंबर को सूर्य, दोनों ही कन्या राशि में प्रवेश करेंगे। इनके एक साथ आने से कन्या राशि में बुधादित्य राजयोग का निर्माण होगा, जिसका प्रभाव अक्टूबर तक दिखाई देगा। यह योग कई राशियों के लिए शुभ और भाग्यशाली साबित होगा।
किन राशियों को मिलेगा लाभ…
कन्या राशि
कन्या राशि वालों के लिए यह योग विशेष रूप से लाभकारी रहेगा। शादीशुदा जातकों का वैवाहिक जीवन मधुर बनेगा। नौकरीपेशा लोगों को पदोन्नति और वेतनवृद्धि मिल सकती है। करियर में नए अवसर मिलेंगे और आत्मविश्वास बढ़ेगा। समाज में मान-सम्मान की प्राप्ति होगी। पार्टनर के साथ यात्रा का योग भी बन सकता है। नई नौकरी की तलाश कर रहे लोगों के लिए भी यह समय अनुकूल रहेगा।
मिथुन राशि
मिथुन राशि के जातकों को भी यह राजयोग फायदा देगा। व्यापार और करियर में सफलता मिलने के योग हैं। संतान की ओर से शुभ समाचार मिल सकता है। विदेश यात्रा के अवसर बन सकते हैं। आर्थिक स्थिति मजबूत रहेगी और शेयर मार्केट या सट्टा से लाभ की संभावना है। जीवन में खुशियों का संचार होगा और रिश्तों में सकारात्मकता आएगी।
धनु राशि
धनु राशि वालों के लिए यह समय भाग्योदय कराने वाला रहेगा। मान-सम्मान में वृद्धि होगी और कारोबार में लाभकारी डील्स होंगी। नौकरीपेशा लोगों को प्रमोशन और नए अवसर मिल सकते हैं। आत्मविश्वास बढ़ेगा और आय के नए स्रोत बनेंगे। निवेश से लाभ होने के संकेत हैं। परिवार में खुशियों का माहौल रहेगा और समाज में प्रतिष्ठा बढ़ेगी।
मकर राशि
मकर राशि के जातकों को भी यह योग सकारात्मक परिणाम देगा। करियर और व्यापार में उन्नति होगी। प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्रों को सफलता मिल सकती है। नौकरीपेशा जातकों को प्रमोशन, यात्रा और वेतनवृद्धि का लाभ मिल सकता है। धार्मिक और मांगलिक कार्यों में शामिल होने के अवसर मिलेंगे। आर्थिक स्थिति सुदृढ़ होगी और नए संबंध बनने की संभावना है।
कब बनता है बुधादित्य राजयोग?
ज्योतिष शास्त्र में आदित्य का अर्थ सूर्य से है। जब भी कुंडली में बुध और सूर्य एक साथ किसी भाव में स्थित हों, तब बुधादित्य योग का निर्माण होता है। जिस भाव में यह योग बनता है, वह भाव सशक्त हो जाता है और जातक को धन, वैभव, सुख-सुविधाएँ और सम्मान प्राप्त होता है। यह योग जातक को सामाजिक, आर्थिक और व्यावसायिक रूप से मजबूत बनाता है।
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