मध्यप्रदेश के पूर्वी हिस्से में इस समय तीन अलग-अलग मौसम प्रणालियां सक्रिय हैं, जिसकी वजह से पूरे प्रदेश में तेज बारिश का सिलसिला जारी है। इंदौर और भोपाल जैसे बड़े शहरों में हल्की से मध्यम वर्षा का अनुमान लगाया गया है, जबकि कई जिलों में भारी से अतिभारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है। खासतौर पर इंदौर संभाग से मानसून की चाल बदलती दिख रही है, जिसके चलते बारिश का असर और बढ़ने वाला है।
इन जिलों में भारी बारिश की संभावना
सोमवार, 25 अगस्त 2025 को मध्यप्रदेश के 22 जिलों में भारी वर्षा की आशंका जताई गई है। उज्जैन, सागर, जबलपुर और ग्वालियर-चंबल संभाग के जिलों पर इसका सबसे अधिक असर दिखाई देगा। लगातार हो रही बारिश से ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में जनजीवन प्रभावित होने की संभावना है। वहीं राजधानी भोपाल और इंदौर में हल्की-फुल्की बारिश के चलते मौसम सुहावना बना रहेगा।
इन जिलों में जारी हुआ अलर्ट
मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों के लिए कई जिलों में चेतावनी दी है। ग्वालियर, भिंड, मुरैना, श्योपुर, दतिया, शिवपुरी, गुना, अशोकनगर, नीमच, मंदसौर, सागर, दमोह, निवाड़ी, टीकमगढ़, छतरपुर, पन्ना, सतना, रीवा, मऊगंज, मंडला, डिंडौरी और बालाघाट जैसे जिलों में भारी वर्षा का अलर्ट है। इन इलाकों में लोगों को सतर्क रहने और अनावश्यक यात्रा से बचने की सलाह दी गई है।
क्यों बरस रहा है पानी
वर्तमान समय में मध्यप्रदेश के ऊपरी हिस्से से मानसूनी ट्रफ गुजर रहा है। इसके साथ ही एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन और लो-प्रेशर एरिया भी सक्रिय है, जिसके चलते अलग-अलग इलाकों में तेज बारिश हो रही है। इन सिस्टम्स के चलते प्रदेश में लगातार वर्षा का सिलसिला बना हुआ है और आने वाले दिनों में इसका असर और गहरा सकता है।
भारी से अतिभारी बारिश का खतरा
रविवार को जारी ताजा बुलेटिन के मुताबिक 29 जिलों में भारी से अतिभारी बारिश की चेतावनी दी गई है। गुना, अशोकनगर, शिवपुरी, ग्वालियर, दतिया, भिंड, मुरैना, श्योपुर, सिंगरौली, सीधी, रीवा, मऊगंज, सतना, पन्ना, सागर, छतरपुर, टीकमगढ़, निवाड़ी और मैहर जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी हुआ है। वहीं विदिशा, रायसेन, अनूपपुर, शहडोल, उमरिया, डिंडौरी, कटनी, जबलपुर, नरसिंहपुर और दमोह जिलों में भारी बारिश की आशंका को देखते हुए येलो अलर्ट जारी किया गया है।
अगले 48 घंटों में नया सिस्टम सक्रिय
मौसम विभाग ने जानकारी दी है कि प्रदेश में मौजूदा बारिश का दौर अगले 2-3 दिनों तक जारी रह सकता है। उत्तर-पूर्वी मध्यप्रदेश में इस समय एक लो-प्रेशर एरिया सक्रिय है, जबकि मानसून ट्रफ बीकानेर, जयपुर, ग्वालियर, प्रयागराज से होते हुए बंगाल की खाड़ी तक फैला हुआ है। इसके अलावा अगले 48 घंटों में ओडिशा और पश्चिम बंगाल के तट से सटे उत्तर-पश्चिम बंगाल की खाड़ी में एक और नया लो-प्रेशर एरिया बनने की संभावना है, जो आने वाले दिनों में बारिश को और तेज करेगा।