एमपी में अब प्रिंसिपल और हेड मास्टर के लिए भी अनिवार्य हुई E-अटेंडेंस, सभी DEO को मिले निर्देश

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By Raj RathorePublished On: August 23, 2025

मध्यप्रदेश के स्कूलों में अब सिर्फ शिक्षक ही नहीं, बल्कि प्रिंसिपल और हेड मास्टर को भी ई-अटेंडेंस लगाना अनिवार्य कर दिया गया है। लोक शिक्षण संचालनालय (DPI) ने इस संबंध में सभी जिला शिक्षा अधिकारियों (DEO) को स्पष्ट निर्देश जारी किए हैं। विभाग ने कहा है कि राज्य सरकार द्वारा शिक्षकों और शैक्षणिक स्टाफ के लिए ई-गवर्नेंस प्लेटफॉर्म तैयार किया गया है, जिसके माध्यम से अटेंडेंस ऑनलाइन दर्ज होती है। लेकिन हाल ही में मिली मॉनिटरिंग रिपोर्ट में यह सामने आया है कि कई विद्यालयों में संस्था प्रमुख स्वयं ई-अटेंडेंस नहीं लगा रहे, जिसके चलते शिक्षक भी इसमें ढिलाई बरत रहे हैं।


DPI का आदेश और सख्ती

एमपी में अब प्रिंसिपल और हेड मास्टर के लिए भी अनिवार्य हुई E-अटेंडेंस, सभी DEO को मिले निर्देश

लोक शिक्षण संचालनालय ने आदेश में कहा कि सभी संस्था प्रमुखों को ई-अटेंडेंस लगाने की जिम्मेदारी निभानी होगी। जब हेड मास्टर और प्रिंसिपल खुद उपस्थिति दर्ज करेंगे तभी शिक्षक भी इसे गंभीरता से लेंगे। विभाग ने पाया कि कई जगहों पर यह प्रक्रिया लागू नहीं हो रही है, जो शिक्षा व्यवस्था की पारदर्शिता और अनुशासन के लिए उचित नहीं है। इसी कारण अब सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को आदेश दिया गया है कि वे स्कूलों में संस्था प्रमुखों और समस्त शिक्षकों की ई-अटेंडेंस सुनिश्चित करें और इसकी नियमित मॉनिटरिंग करें।

संस्था प्रमुखों की अटेंडेंस की अलग से मॉनिटरिंग

DPI ने स्पष्ट किया है कि संस्था प्रमुखों यानी प्रिंसिपल और हेड मास्टर की अटेंडेंस की अलग से निगरानी की जाएगी। इसके लिए विभाग ने ई-गवर्नेंस पोर्टल पर अलग व्यवस्था की है। इससे यह तुरंत पता लगाया जा सकेगा कि किस स्कूल का प्रमुख ई-अटेंडेंस नियमित रूप से दर्ज कर रहा है और कहां लापरवाही हो रही है। राज्य स्तर पर यह डेटा सीधा उपलब्ध रहेगा और किसी भी प्रकार की चूक तुरंत पकड़ में आ जाएगी।

ऐसे लगानी होगी ई-अटेंडेंस

शिक्षक, हेड मास्टर या प्रिंसिपल को ई-अटेंडेंस लगाने के लिए सबसे पहले शिक्षक ई-गवर्नेंस पोर्टल पर अपने लॉगिन आईडी और पासवर्ड से लॉगिन करना होता है। लॉगिन करने के बाद उन्हें ई-अटेंडेंस का विकल्प दिखाई देता है। यहां से वे अपनी उपस्थिति दर्ज कर सकते हैं।

अटेंडेंस दर्ज करते समय मोबाइल या कंप्यूटर पर जीपीएस लोकेशन चालू करना जरूरी होता है। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि उपस्थिति केवल स्कूल परिसर से ही दर्ज की जाए। इसके बाद शिक्षक या प्रिंसिपल को तीन विकल्पों में से चुनना होता है – उपस्थित (Present), अनुपस्थित (Absent) या अवकाश (Leave)।

डेटा सीधे पहुंचेगा राज्य सर्वर पर

जैसे ही अटेंडेंस दर्ज होती है, यह जानकारी तुरंत राज्य स्तरीय सर्वर पर पहुंच जाती है। इससे जिला शिक्षा अधिकारी और राज्य शिक्षा विभाग दोनों ही यह रियल-टाइम में देख सकते हैं कि कौन शिक्षक या संस्था प्रमुख उपस्थित है और कौन अनुपस्थित। इस व्यवस्था से न केवल पारदर्शिता बढ़ेगी बल्कि शिक्षा व्यवस्था की जवाबदेही भी सुनिश्चित होगी।