Brahma Kamal: ब्रह्मकमल एक ऐसा फूल है जिसे प्रकृति का चमत्कार माना जाता है। यह हिमालयी क्षेत्रों, खासकर उत्तराखंड में पाया जाता है और वहीं का राज्य पुष्प भी है। यह फूल सफेद रंग का कमलनुमा होता है, जो जुलाई से सितंबर के बीच खिलता है और कुछ ही समय में मुरझा जाता है। इसकी यही विशेषता इसे और भी अद्भुत व दुर्लभ बनाती है।
धार्मिक और पौराणिक महत्व
हिंदू परंपराओं में यह विश्वास किया जाता है कि सृष्टि की शुरुआत ब्रह्मकमल से हुई थी, इसी कारण इसे भगवान ब्रह्मा का अत्यंत प्रिय पुष्प माना जाता है। बद्रीनाथ धाम में भगवान बद्रीनारायण की पूजा-अर्चना के दौरान विशेष रूप से ब्रह्मकमल अर्पित करने की परंपरा है। एक पौराणिक कथा यह भी कहती है कि जब भगवान ब्रह्मा ध्यान में लीन होकर सो गए थे, तब जागने पर उन्होंने स्वयं को कमल के रूप में पाया। तब से इस पुष्प को “ब्रह्मकमल” कहा जाने लगा।
कुछ मान्यताओं में यह भी बताया गया है कि भगवान विष्णु ने इसी पुष्प के माध्यम से देवी लक्ष्मी को पुनर्जीवित किया था।
घर में ब्रह्मकमल लगाने के फायदे
- ज्योतिष और वास्तु शास्त्र के अनुसार, ब्रह्मकमल को घर में लगाना बेहद शुभ माना जाता है।
- इस फूल को घर में लगाने से सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ता है।
- मानसिक शांति मिलती है और परिवार में प्रेम तथा सौंदर्य का वातावरण बनता है।
- इसकी दुर्लभता और दिव्यता के कारण माना जाता है कि इसके खिलने से घर-परिवार की किस्मत चमक उठती है।
- कहते हैं कि जब यह फूल घर में खिलता है तो माता लक्ष्मी की विशेष कृपा बरसती है।
- यह शनि और राहु-केतु जैसे अशुभ ग्रहों के प्रभाव को भी कम करता है।
किस दिशा में लगाएं ब्रह्मकमल?
वास्तु शास्त्र के अनुसार, ब्रह्मकमल को घर के उत्तर-पूर्व यानी ईशान कोण में लगाना सबसे शुभ होता है। इसे घर के मंदिर या पूजाघर के पास रखना भी लाभकारी माना जाता है। कहा जाता है कि इसकी सुगंध और आभा से घर की सारी नकारात्मक शक्तियां दूर हो जाती हैं और वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
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