भारत दिवस परेड 2025 में छत्तीसगढ़ की भव्य प्रस्तुति

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By Abhishek SinghPublished On: August 19, 2025

भारत के स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर उत्तर अमेरिका में आयोजित भारत दिवस परेड 2025 में छत्तीसगढ़ ने अपनी विशिष्ट सांस्कृतिक, औद्योगिक और जनजातीय धरोहर का भव्य प्रदर्शन किया। नाचा (North America Chhattisgarh Association) के नेतृत्व में सिएटल (वॉशिंगटन), टोरंटो (कनाडा) और कैलिफोर्निया बे एरिया (अमेरिका) में प्रवासी छत्तीसगढ़ी परिवारों ने परंपराओं को जीवंत करते हुए भारत के राष्ट्रीय गौरव को साझा किया।

सिएटल में नमिता खंडेलवाल (अध्यक्ष, नाचा वॉशिंगटन चैप्टर) के नेतृत्व में परेड का आयोजन हुआ। यहाँ छत्तीसगढ़ की औद्योगिक पहचान भिलाई इस्पात संयंत्र और कृषि शक्ति धान का कटोरा झांकी का मुख्य आकर्षण रहे। करमा नृत्य, ढोकरा शिल्प, कोसा सिल्क, तथा पारंपरिक व्यंजन जैसे चावल पापड़ और एरसा ने सभी का मन मोह लिया। नमिता खंडेलवाल ने कहा कि भिलाई इस्पात संयंत्र से लेकर करमा नृत्य और कोसा सिल्क तक, छत्तीसगढ़ के हर पहलू को प्रस्तुत करना गर्व का क्षण था।

टोरंटो में आयोजित परेड का संचालन पंकज अग्रवाल (अध्यक्ष, नाचा कनाडा चैप्टर) ने किया। यहाँ जनजातीय परंपरा मुख्य थीम रही। पुरुषों ने धोती, कुर्ता, गमछा और गौर मुकुट पहनकर बस्तर की परंपराओं को जीवंत किया, वहीं महिलाओं ने लुगड़ा और पारंपरिक आभूषणों से छत्तीसगढ़ी संस्कृति की झलक प्रस्तुत की। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ की 30 से अधिक जनजातीय आबादी और एक भारत श्रेष्ठ भारत” की भावना का वैश्विक मंच पर शानदार प्रदर्शन किया गया।

कैलिफोर्निया बे एरिया में पूजा महतो (अध्यक्ष, नाचा बे एरिया) के नेतृत्व में आयोजित कार्यक्रम में प्रवासी परिवारों ने गीत, नृत्य और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के माध्यम से छत्तीसगढ़ी परंपराओं को सजीव किया। महिलाओं ने लुगड़ा और आभूषण पहनकर पारंपरिक झलक प्रस्तुत की। पूजा महतो ने कहा कि कैलिफोर्निया में परिवारों के साथ मिलकर छत्तीसगढ़ की परंपराओं को प्रस्तुत करना गर्व का क्षण था। यह दिखाता है कि हजारों मील दूर रहकर भी हमारी जड़ें कितनी गहरी हैं।

भारत दिवस परेड 2025 ने नाचा की उस वैश्विक प्रतिबद्धता को दर्शाया, जिसमें वह छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक, औद्योगिक और पारिवारिक धरोहर को विश्व स्तर पर जीवित रखता है।

नाचा एक गैर-लाभकारी संगठन है जो अमेरिका और कनाडा में प्रवासी छत्तीसगढ़ियों को एकजुट करता है। यह सांस्कृतिक कार्यक्रमों, सामुदायिक सेवा और अंतर्राष्ट्रीय प्रतिनिधित्व के माध्यम से छत्तीसगढ़ की परंपराओं को बढ़ावा देता है और भारतीय प्रवासी समुदाय से गहरे संबंध स्थापित करता है।