अजा एकादशी भगवान विष्णु को समर्पित की जाती है। भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष में आने वाली एकादशी को अजा एकादशी कहा जाता है। मान्यता है कि हर साल यह कृष्ण जन्माष्टमी के बाद में मनाई जाती है। इसकी पूजा करने और व्रत करने से सभी पाप नष्ट होते हैं और जीवन में सुख समृद्धि बनी रहती है।
अजा एकादशी कब है इस बारे में अधिकतर लोग नहीं जानते हैं। अजा एकादशी कब मनाई जाती है और इसकी पूजा कैसे की जाती है। इसका शुभ मुहूर्त क्या है इसके बारे में आज हम इस पोस्ट में जानेंगे। आइए इस अजा एकादशी के बारे में विस्तार से जानते हैं।
आखिर कब मनाई जाएगी अजा एकादशी
हर साल अजा एकादशी को कृष्ण जन्माष्टमी के बाद मनाया जाता है। इस साल 2025 में अजा एकादशी का व्रत 19 अगस्त यानी कि मंगलवार के दिन रखा जाएगा। इस दिन अजा एकादशी मनाई जाएगी।
अजा एकादशी का मुहूर्त
अजा एकादशी का शुभ मुहूर्त 18 अगस्त 2025 को शाम के समय 5:22 से लेकर एकादशी तिथि के दिन 19 अगस्त को दोपहर के समय 3:32 तक रहेगा और इसका व्रत 20 अगस्त को सुबह के समय 5:30 से 8:29 तक पारण किया जाएगा।
अजा एकादशी की पूजन विधि क्या है?
अजा एकादशी के दिन सुबह के समय उठकर स्वच्छ जल से स्नान करके स्वच्छ वस्त्र पहन ले। इस बात का ध्यान रखें की वस्त्र पीले कलर के हो। भगवान विष्णु का ध्यान करें व्रत रखें मंदिर में भगवान विष्णु के प्रतिमा के सामने फूल, फल, अक्षत, वस्त्र, मिठाई, दीपक इत्यादि अर्पित करें। भगवान विष्णु के समीप घी का दिया जलाएं। अजा एकादशी की कथा ध्यान से सुने और जरूरतमंद लोगों को दान जरूर करें इसके बाद व्रत का पारण करें।