अक्सर लोग दिन-रात कड़ी मेहनत करते हैं, लेकिन इसके बावजूद बैंक बैलेंस नहीं बढ़ता और खर्चे लगातार बढ़ते जाते हैं। नतीजतन घर में आर्थिक तनाव और असंतुलन पैदा हो जाता है। ऐसे में वास्तु शास्त्र और ज्योतिष में बताए गए कुछ सरल उपाय अपनाकर इस समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है।
वास्तु शास्त्र के अनुसार घर और दफ्तर में ऊर्जा का सही प्रवाह होना आवश्यक है। यदि भवन में वास्तु दोष मौजूद हो, तो परिश्रम का पूरा फल नहीं मिल पाता। सही दिशा का ध्यान रखने, वस्तुओं को उचित स्थान पर रखने और शुभ प्रतीकों का प्रयोग करने से धन का प्रवाह बढ़ता है और समृद्धि का मार्ग खुलता है।
उत्तर दिशा का महत्व
वास्तु में उत्तर दिशा को करियर और धन की दिशा माना गया है। इस क्षेत्र को हमेशा साफ-सुथरा और खुला रखना शुभ माना जाता है। यहां कबाड़, भारी सामान या टूटी-फूटी वस्तुएँ रखने से नकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है और धन की आवक रुक जाती है। वहीं, उत्तर दिशा में हरे पौधे लगाने से सकारात्मक ऊर्जा सक्रिय होती है और आर्थिक स्थिति मजबूत होती है।
तिजोरी की सही स्थिति
धन वृद्धि के लिए तिजोरी या लॉकर की दिशा का विशेष महत्व है। वास्तु शास्त्र के अनुसार तिजोरी को हमेशा दक्षिण या पश्चिम दीवार से सटाकर रखना चाहिए और उसका मुंह उत्तर दिशा की ओर होना चाहिए। इस दिशा में रखी तिजोरी धन को स्थायी बनाती है और खर्चों पर नियंत्रण लाती है। साथ ही तिजोरी में लाल कपड़ा और चांदी का सिक्का रखना भी अत्यंत शुभ फल देता है।
जल तत्व का प्रयोग
घर में जल तत्व का सही उपयोग करने से धन की आवक बढ़ती है। उत्तर-पूर्व कोने में एक छोटा फव्वारा, पानी से भरा ग्लास बाउल या एक्वेरियम रखने से सकारात्मक ऊर्जा प्रवाहित होती है। ध्यान रहे कि पानी हमेशा स्वच्छ और ताजा हो, क्योंकि गंदा पानी नकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाता है और आर्थिक हानि का कारण बनता है।
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