डॉग बाइट के 30 हजार केस के बाद हरकत में आया उज्जैन नगर निगम, स्ट्रीट डॉग को शहर से बाहर करने की तैयारी की तेज

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By Abhishek SinghPublished On: August 13, 2025

दिल्ली-एनसीआर में स्ट्रीट डॉग्स को लेकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश का असर अब उज्जैन में भी नज़र आने लगा है। आदेश की सूचना मिलते ही शहरवासी नगर निगम से लगातार संपर्क कर आक्रामक हो चुके कुत्तों को शहर से बाहर ले जाने की मांग कर रहे हैं।

मंगलवार को महापौर मुकेश टटवाल ने अधिकारियों के साथ बैठक कर इस समस्या के समाधान पर चर्चा की। बीते डेढ़ वर्ष में उज्जैन में लगभग 30 हज़ार लोग कुत्तों के हमलों का शिकार हुए हैं, जबकि दो की जान भी जा चुकी है।

डेढ़ साल में डॉग बाइट के 30 हज़ार मामले दर्ज

लगभग 7 लाख की आबादी वाले उज्जैन में वर्ष 2024 में 19,949 डॉग बाइट के मामले दर्ज हुए, जबकि जनवरी से जून 2025 के बीच 10,296 घटनाएं सामने आईं। इनमें कुत्तों के हमले से दो लोगों की मौत भी हो चुकी है। इसी साल मई में 1,417, जून में 1,552 और जुलाई में 1,512 लोगों को कुत्तों ने काटा।

महापौर मुकेश टटवाल ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद कुत्तों को पकड़ने की कार्रवाई शुरू की गई है। लोगों को नुकसान पहुंचाने वाले कुत्तों को डॉग शेल्टर में भेजने की व्यवस्था की जाएगी। उन्होंने कहा कि कोर्ट के निर्णय के बाद उन्हें बड़ी संख्या में नागरिकों के फोन आ रहे हैं और वरिष्ठ अधिकारियों से परामर्श लेकर आगे की कार्यवाही की जाएगी।

स्ट्रे डॉग्स की समस्या पर प्रशासन हुआ सक्रिय

मंगलवार को महापौर मुकेश टटवाल ने स्वास्थ्य विभाग प्रभारी सत्यनारायण चौहान, उपायुक्त योगेंद्र सिंह पटेल और संजेश गुप्ता की उपस्थिति में बैठक की। उन्होंने बताया कि पिछले पांच वर्षों में नगर निगम द्वारा 30,696 स्ट्रीट डॉग्स की नसबंदी कराई गई है। बैठक के दौरान महापौर ने सदावल स्थित श्वान गृह की कार्यप्रणाली की जानकारी ली और शहर में प्रतिदिन बढ़ रही कुत्तों के हमले व काटने की शिकायतों को देखते हुए व्यवस्था मजबूत करने के निर्देश दिए। साथ ही, हिंसक और आवारा कुत्तों की नसबंदी के साथ रेबीज टीकाकरण अभियान को तेज करने पर भी जोर दिया।