एमपी में 4 साल में 47 हजार नाबालिग लड़कियां लापता, इंदौर शीर्ष पर, धार दूसरे स्थान पर

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By Raj RathorePublished On: August 11, 2025

इंदौर की रहने वाली रेखा (बदला हुआ नाम) के लिए पिछले एक महीने से ज़िंदगी मानो थम सी गई है। उनकी 16 साल की बेटी 5 जुलाई को बिना बताए घर से निकल गई और आज तक उसका कोई अता-पता नहीं है। रेखा बताती हैं कि बेटी के घर छोड़ने के बाद उन्होंने 15 दिन तक कुछ भी नहीं खाया और काम पर जाना भी बंद कर दिया था। आसपास के इलाकों में और इंदौर के अलग-अलग मोहल्लों में बेटी को ढूंढा, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला। बच्ची के पास मोबाइल फोन नहीं था, जिससे संपर्क करना भी असंभव हो गया।

पहले भी लापता हो चुकी है बेटी

परिवार के अनुसार, यह पहली बार नहीं है जब उनकी बेटी घर से अचानक चली गई हो। रंगपंचमी के समय भी वह लापता हो गई थी, लेकिन तब कुछ दिनों बाद उसने खुद फोन कर अपने परिवार को बताया और वापस घर आ गई। उस समय जिस व्यक्ति के साथ वह गई थी, उसके खिलाफ पुलिस में केस दर्ज कराया गया था। संयोग से, मौजूदा घटना के तीन दिन बाद वही व्यक्ति जेल से बाहर आने वाला था, जिससे परिवार की चिंता और बढ़ गई।

घटना के दिन की स्थिति

एमपी में 4 साल में 47 हजार नाबालिग लड़कियां लापता, इंदौर शीर्ष पर, धार दूसरे स्थान पर

पिता ने बताया कि जिस दिन बेटी लापता हुई, वे सुबह ड्यूटी पर थे और पत्नी भी काम पर गई हुई थी। घर लौटने पर उन्होंने कमरे का दरवाजा खुला पाया, लेकिन बेटी कहीं नहीं थी। देर तक इंतज़ार करने और आसपास तलाशने के बाद भी कोई जानकारी नहीं मिली। सीसीटीवी फुटेज में वह जाते हुए दिखी, लेकिन उसके बाद वह कहां गई, इसका कोई पता नहीं चल पाया। इस परिवार में कुल चार बच्चे हैं—तीन बेटियां और एक बेटा। लापता बच्ची दूसरी संतान है।

पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराने की मुश्किल

लापता होने के बाद परिवार थाने पहुंचा, लेकिन पहले पुलिस ने रात में रिपोर्ट दर्ज करने से मना कर दिया और सुबह मकान मालिक के साथ आने को कहा। अगले दिन मकान मालिक के साथ पहुंचने पर रिपोर्ट दर्ज की गई। पुलिस ने भरोसा दिलाया कि वे तलाश करेंगे और परिवार को भी खोज जारी रखने की सलाह दी। पिता का कहना है कि पुलिस हर बार कहती है—“हम कोशिश कर रहे हैं, आपको कोई जानकारी मिले तो हमें बताना।”

मध्य प्रदेश में बढ़ते गुमशुदगी के मामले

यह घटना अकेली नहीं है। विधानसभा में कांग्रेस विधायक सचिन यादव के सवाल पर सरकार ने जो आंकड़े पेश किए, वे चौंकाने वाले हैं। बीते साढ़े चार साल में मध्य प्रदेश से 58,000 से अधिक बच्चे लापता हुए हैं। इनमें 47,000 बेटियां और करीब 11,000 बेटे शामिल हैं। सबसे ज्यादा मामले इंदौर जिले से सामने आए हैं, जो पूरे प्रदेश में शीर्ष पर है।

इंदौर में सबसे ज्यादा लापता बच्चियां

इंदौर के बाणगंगा थाना क्षेत्र से अकेले 449 बच्चियां लापता हुई हैं। इसके बाद लसूडिया से 250, चंदन नगर से 220, आजाद नगर से 178 और द्वारकापुरी से 168 बच्चियों के गुमशुदगी के मामले दर्ज हैं। इस सूची में धार जिला दूसरे स्थान पर है, जहां बड़ी संख्या में बेटियां गायब हुई हैं।