जन्माष्टमी का पर्व जल्द ही आने वाला है .इस दिन भगवान श्री कृष्ण के अवतरण का दिव्य उत्सव मनाया जाता है। भगवान श्री कृष्ण के जन्मोत्सव पर सभी भक्त श्रद्धा के साथ प्रेम पूर्वक उनके जन्मोत्सव का उत्सव मनाते हुए बहुत ही उत्साह के साथ विधि पूर्वक पूजा पाठ करते हैं। भगवान श्री कृष्णा के जन्म का दिन भक्ति और प्रेम के साथ अनुशासन का प्रतीक भी माना जाता है।
श्री कृष्ण के जन्म के दिन सभी भक्त इस दिन को बहुत ही धूमधाम से और श्रद्धा के साथ मनाते हैं। आइए उनके जन्म के उपलक्ष में पूजा पाठ कैसे की जाती है और उसमें किन-किन चीजों की जरूरत पड़ती है इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।
पूजन स्थल को कैसे तैयार करें
पूजन स्थल को तैयार करने के लिए आपको सबसे पहले एक ऐसा स्थान चुना है जो शांत और स्वच्छ हो। इसके अलावा इस स्थान पर भगवान श्री कृष्ण का झूला और मंदिर स्थापित करना है। इसके बाद पीले या सफेद रंग का आसन उनके लिए बिछाए और इस स्थान पर आम के पत्तों और बंधनवार के साथ फूलों और रंगोलिया के आसपास दीपक जलाएं। ऐसा करने पर वातावरण शुद्ध पवित्र और सुंदर नजर आता है। ऐसे वातावरण में भगवान जल्द प्रसन्न होते हैं।
पूजन के लिए आवश्यक सामग्री
भगवान श्री कृष्ण की पूजा करने के लिए कुछ सामग्रियों की जरूरत पड़ती है। जिसमें सबसे पहले भगवान श्री कृष्ण की बाल स्वरूप की मूर्ति और झूला होना चाहिए। इसके अलावा पंचामृत फूल, तुलसी दल, माखन-मिश्री, धूप, दीपक, कपूर, रोली, अक्षत, चंदन, घंटी, शंख, भजन-संगीत, मिठाई, व्रत का भोजन, फल इत्यादि होना बेहद जरूरी है।
पूजा करने का तरीका
भगवान श्री कृष्ण की पूजा करने के लिए सबसे पहले आपको शाम को निशिता काल में उनकी मूर्ति को पंचामृत से अच्छे से स्नान करवा फिर शुद्ध जल से उनका अभिषेक करें। अभिषेक हो जाने के बाद में अच्छे और नए वस्त्र मुकुट बांसुरी फूलों की माला और आभूषण पहनकर इन्हें तैयार करें और इसके बाद दीपक जलाकर और उनकी आरती करें। आरती हो जाने के बाद भगवान को माखन मिश्री और तुलसी पत्र के साथ फल अर्पित करें और उनके 108 नाम का या फिर श्रीकृष्णाष्टक का पाठ करें। इससे भगवान श्री कृष्णा प्रसन्न होंगे।